Scindia Family: कई राज्यों के बजट से ज्यादा है सिंधिया घराने की दौलत! संपत्ति जानकर अंबानी-अडानी तक ठिठक जाएंगे
Scindia Family | अभी हाल में ही मोदी सरकार के कैबिनेट मंत्रिमंडल में बहुत बड़ा फेरबदल किया गया है, इस नए मंत्रिमंडल में वैसे तो बहुत से नए मंत्रियों ने शपथ ली है उन्हीं में से एक है केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया। भले ही ज्योतिरादित्य सिंधिया एक राजनेता है लेकिन वो एक राजशाही परिवार से ताल्लुक रखते है। सिंधिया परिवार में वैसे संपति विवाद तो काफी लंबे समय से चला आ रहा है जिसकी शुरुआत राजमाता विजयराजे के समय से हुई थी।
अभी तक ज्योतिरादित्य सिंधिया की कुल संपति के बारे में कुछ भी सटीक नहीं कहा जा सकता है क्योंकि हर बार जब भी चुनाव के लिए नामांकन किया जाता है तो सिंधिया परिवार (Scindia Family) के उम्मीदवारों ने हमेशा से ही अपनी कम संपति बताई है। फिलहाल सिंधिया परिवार की संपत्ति को लेकर अदालत में मामलें चल रहे है, आइये जानते है कि आखिर कितनी कुल संपति है सिंधिया परिवार की और क्या विवाद है सिंधिया परिवार की संपत्ति को लेकर।
Scindia Family: संपत्ति और विवाद
इस आलीशान महल के मालिक हैं ज्योतिरादित्य सिंधिया, राजाओं जैसी जीते हैं जिंदगी
सिंधिया परिवार (Scindia Family) की कुल संपति को लेकर विवाद तो राजमाता विजयराजे के समय से ही चल रहा है, दरअसल राजमाता ने जब अपनी वसीयत बनवाईं थी तो उसके अनुसार उन्होंने अपनी वसीयत से अपने बेटे माधवराव सिंधिया और पौते ज्योतिरादित्य सिंधिया को बेदखल कर दिया था। उन्होंने अपनी वसीयत को अपनी तीनों बेटियों के उषा राजे, वसुंधरा राजे और यशोदा राजे के नाम किया था और एक हिस्सा चैरिटी को दान कर दिया था।
जिसके बाद विजयराजे के पुत्र माधवराव सिंधिया ने कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया था, जिसकी वजह से वो अपनी जिंदगी भर मुकदमे लड़तें रहे, उनकी मृत्यु के पश्चात उनके बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया अभी तक मुकदमा लड़ रहे है। बताया जाता है कि सिंधिया परिवार की कुल संपति लगभग 40 हजार करोड़ रुपये है और संपति का विवाद ज्योतिरादित्य और उनकी तीन बुआ के बीच है।
जब कोर्ट को करनी पड़ी थी मध्यस्थता
जब माधवराव और उनकी माता विजयराजे के बीच संपति को लेकर विवाद छिड़ा हुआ था तो बॉम्बे हाई कोर्ट ने 1984 में एक फैसला सुनाया जिसके बाद सिंधिया परिवार (Scindia Family) की संपत्ति को विजयराजे और माधवराव सिंधिया के बीच बाटने का आदेश दिया गया था। दरअसल जब माधवराव के पिता जीवाजी राव सिंधिया का निधन हुआ था तो उस समय उनकी कोई वसीयत ना होने की वजह से ही सारा संपत्ति विवाद शुरू हुआ था।
वर्ष 1990 में ग्वालियर कोर्ट में माधवराव सिंधिया ने सिंधिया परिवार (Scindia Family) का इकलौता वारिस होने का दावा करते हुए एक याचिका दायर की थी और अभी तक कोर्ट में ये मामला जारी है। उनकी इस याचिका को विजयराजे की तीनों बेटियों ने बिल्कुल बेबुनियाद करार कर दिया गया था और उन तीनों ने राजमाता के द्वारा 1985 में बनाई गई वसीयत का हवाला देते हुए कहा जिसके अनुसार उन्होंने अपनी पूरी संपति से बेटे और पोते को बेदखल कर दिया था।
Scindia Family: 2001 में भी किया गया था अदालत में केस
राजमाता विजयराजे सिंधिया के वकीलों के द्वारा 2001 में विजयराजे की दूसरी वसीयत को अदालत में पेश किया गया था जिसमें इस बात का उल्लेख था कि राजमाता विजयराजे ने सिंधिया परिवार की संपत्ति बेटियों के नाम की गई थी। अदालत के द्वारा अभी तक उस वसीयत की जांच जारी है और इस बात की उम्मीद भी बेहद कम है कि इस मामलें की सुनवाई जल्द खत्म हो सके। फिलहाल ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनकी तीनों बुआ विवादित संपत्ति पर अपना हक छोड़ने के लिए तैयार नहीं है।