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Corona Virus की वजह से बड़ा संकट, लैंगिक समानता में और ज्यादा पिछड़ सकती है महिलाएं

कोरोना महामारी ने दुनिया के हर एक इंसान को बुरी तरह से प्रभावित किया है लेकिन एक चीज है जिस पर अभी तक किसी का ध्यान नहीं गया है। इस महामारी के चलते महिलाओं पर इसका क्या असर हुआ है इस विषय में तो अभी कोई बात ही नहीं करना चाहता है। क्या काफी लोग इस बात को जानते हैं कि कोरोना महामारी (Corona Virus) के बाद महिलाओं के अवैतनिक काम को बढ़ावा मिला है और इस वजह से उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। अभी ज्यादातर महिलाएं अपने काम के साथ कुछ अवैतनिक काम जैसे घरेलू कामकाज कर रही हैं जिससे उनमे मानसिक और शारीरिक परेशानियां देखने को मिल रही है। इसके अलावा भी महिलाएं शिक्षा और रोजगार के मौके लगातार खोते जा रही हैं, साथ ही कुछ महिलाएं तो घर के काम काजो की वजह से अपने काम पर ध्यान नहीं दे पा रही है।

Corona Virus और महिलाएं

जो लोग घर के कामों को ही महिलाओं का काम समझते हैं उनको एक बार फिर से अपनी सोच पर विचार करने की जरूरत है। कुछ महिलाएं हैं जो बाहर निकल कर कुछ करना चाहती है, लेकिन वैसा कर नहीं पा रही है तो क्या हम सब का यह फर्ज नहीं बनता है कि उन्हें आगे बढ़ाया जाए और उन्हें कुछ करने के लिए प्रेरित किया जाए? क्या आपको यह नहीं लगता कि आज आप जो कुछ भी है इस सब के पीछे भी एक मां के रूप में किसी महिला की मेहनत है? आज जो भी माहौल है उसे देखकर तो यही कहा जा सकता है कि लैंगिक समानता में महिलाएं और भी ज्यादा पिछड़ती जा रही है। चलिए इस पर कुछ प्रभावशाली महिलाओं से भी बात कर लेते हैं –

Corona Virus

मुझे काफी थकान होती है

टोक्यो की कंसलटेंट महिला टैनी वाडा कहती है कि “उनके लिए समय की बहुत ही कीमत रही है, लेकिन घर के कामों की वजह से उन्हें बिल्कुल भी समय नहीं मिल पाता है। “टैनी वाडा का कहना है कि वह घरेलू काम के चक्कर में अपने वेतन को नहीं खोना चाहती हैं यह उनके लिए बहुत ही जरूरी है। 

मुझे सब कुछ अकेले करना पड़ता है

डलिना वेलासकेथ एक किसान है, डलिना दक्षिणी शहर टरिजा में सेरकादो की रहने वाली है। डलिना का कहना है कि बरसों से यही परंपरा चली आ रही है लड़कों की अपेक्षा लड़कियों को ही घर का काम करना होता है। उन्हें बचपन से यही सिखाया जाता है इसलिए बहुत कम ही महिलाओं से बाहर निकल कर कुछ करने की उम्मीद की जा सकती है। डलिना कहती है कि मुझे खेत में काम करना पड़ता है और फिर उसके बाद घर पर भी काम करना पड़ता है जिस वजह से मुझे काफी परेशानी होती है।

अधिक काम से हो जाती है बुरी हालत

डॉक्टर इजोमा कोला केन्या की राजधानी नैरोबी में रहती है। इज़ोमा का कहना है कि मां बनने की जिम्मेदारियों के साथ नौकरी करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल है। इजोमा के अनुसार, महिलाओं को नौकरी और मां बनने का सुख एक साथ नहीं मिल पाता है और ये उनके लिए काफी ज्यादा मुश्किल हो जाता है। कुछ महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त नहीं होती है जिस वजह से वह अपनी मदद करने के लिए किसी को काम पर भी नहीं रख सकती है। महिलाओं को कुछ भी हासिल करने के लिए बहुत त्याग करने पड़ते हैं इससे उनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।

सरकार को इस पर ध्यान देना होगा

भारत की अनीता भाटिया का कहना है की किसी भी महिला के लिए अपने काम के साथ नौकरी कर पाना बहुत मुश्किल होता है। अनीता भाटिया के अनुसार, महिलाओं का काम सामाजिक सुरक्षा के लिए जरूरी है लेकिन इस वजह से उनके रोजगार पाने के अवसर और बाकी चीजों में रुकावट आ जाती है। “अनीता का कहना है कि सरकार को महिलाओं के अधिकारों के लिए कुछ कदम उठाने की जरूरत है। महिलाएं भी अर्थव्यवस्था में पूरी तरह से भाग लेना चाहती हैं।