Yoga Benefits: नियमित योग से 30 की उम्र में भी दिखेंगे 20 वर्ष के जैसे, करें ये योगासन
Health Desk | आजकल के समय में प्रदूषण, तनाव, अनियमित जीवनशैली व दिन रात की भागदौड़ भरी जिंदगी से लोग समय से पहले ही बूढ़े दिखने लगे हैं और कम उम्र में ही चेहरे पर झुर्रियां, कील मुहांसे, फुंसियां, काले धब्बे लगातार परेशानी का सबब बन रहे हैं। ऐसे में कुछ योग (Yoga) आसनों के नियमित अभ्यास से आप प्राकृतिक सुंदरता, दमकती त्वचा व शारीरिक आकर्षण प्राप्त किया जा सकता है। क्योंकि योग शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है, अंगों को साफ और डिटॉक्स करता है, लचीलापन लाता है और ताकत बढ़ाता है। साथ ही आपको रिलैक्स करने में मदद करता है।
Yoga पर क्या है डाक्टरों की राय
डाक्टरों के अनुसार 30 की उम्र के बाद से महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन होने लगते हैं। जिसके चलते उनके चेहरे की चमक और हड्डियां कमजोर होने लगती है। पर दुनिया की हर औरत बढ़ती उम्र के बाद भी जवां दिखना चाहती है और इसके लिए वो कई मंहगे मंहगे प्रोडक्ट और दवाईयां भी इस्तेमाल करती हैं पर कुछ समय बाद उनका असर उतर जाता है। ऐसे में योग (Yoga) एक ऐसी दवा है जिसको नियमित रूप से करने पर आप बढ़ती उम्र के साथ भी जवान दिख सकती है। साथ ही आपकी ऊर्जा शक्ति भी बरकरार रहतीं हैं। तो आइए जानते हैं तीन ऐसे योगासन जिनको नियमित रूप से करने से आप 30 के बाद भी जवां दिखेंगे।
नियमित रूप से करें ये योगासन
सूर्यनमस्कार
योग (Yoga) एक्सरसाइज और फिजिकल मूवमेंट न केवल शरीर को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं बल्कि दिमाग को फिट रखने के लिए भी अहम है1। सूर्य नमस्कार के 12 चरण का हर रोज अभ्यास करने से दिमाग सक्रिय और एकाग्र बनता है। आमतौर पर इसका अभ्यास सुबह खाली पेट किया जाता है। सुबह के समय खुली जगह पर इसे करें, जहां आपको ताजा हवा मिले।
सूर्य नमस्कार करने का तरीका
इसके 12 अवस्थाओं में सबसे पहले प्रणाम मुद्रा आती है, दूसरी हस्त उत्तानासन, तीसरी पाद हस्तासन, चौथी अश्व संचालन आसन, पांचवी अवस्था में पर्वतासन, छठी में अष्टांग नमस्कार, सातवीं में भुजंगासन, आठवीं में पर्वतासन, नौवीं अश्व संचालन आसन, दसवीं अवस्था में पाद हस्तासन ग्यारहवीं अवस्था में हस्त उत्तानासन और बारहवीं अवस्था में प्रणाम मुद्रा शामिल हैं। इसे नियमित रूप से करें
सूर्य नमस्कार करने के फायदे
- पाचन और भूख में सुधार करता है।
- शरीर को लचीला बनाता है।
- कब्ज की समस्या को ठीक करने में कारगर है।
- शारीरिक और मानसिक मजबूती बढ़ाता है।
- बॉडी पोस्चर को बेहतर करता है और बैलेंस बनाने में मदद करता है।
- मसल्स को टोन करता है और हड्डियों को मजबूत करता है।
- बाजू, कंधों, कमर, पैर, क्वैड्स, काफ़्स और हिप्स की मांसपेशियों को टोन करता है।
- वजन कम करने में मदद करता है।
कपालभाति
कपाल’ का अर्थ है खोपड़ी (सिर) तथा भाति का अर्थ है चमकना। चूंकि इस क्रिया से सिर चमकदार बनता है अतः इसे कपालभाति कहते हैं। कपालभाति एक ऐसी सांस की प्रक्रिया है जो सिर तथा मस्तिष्क की क्रियाओं को नई जान प्रदान करता है। समूचे मस्तिष्क को तेजी प्रदान करती है तथा निष्क्रिया पड़े उन मस्तिष्क केंद्रों को जागृत करती है जो सूक्ष्म ज्ञान के लिए उत्तरदायी होते हैं।
कपालभाति करने का तरीका
- इसे करने के लिए आराम से साधना मुद्रा में बैठ जाएं।
- तेजी से सांस लें और छोड़ें।
20-30 बार यह क्रिया दोहराने के बाद शरीर को ढीला छोड़ दें।
कपालभाति करने के फायदे
- कपालभाति लगभग हर बिमारियों को किसी न किसी तरह से रोकता है।
- कपालभाति को नियमित रूप से करने पर वजन घटता है और मोटापा में बहुत हद तक फर्क देखा जा सकता है।
- इसके अभ्यास से त्वचा में ग्लोइंग और निखार देखा जा सकता है।
- यह आपके बालों के लिए बहुत अच्छा है।
- यह कुंडलिनीशक्ति को जागृत करने में सहायक होती है।
- यह कब्ज की शिकायत को दूर करने के लिए बहुत लाभप्रद योगाभ्यास है।
उज्जायी प्राणायाम
उज्जयी प्राणायाम एक ऐसी प्राणायाम है जिसका नियमित रूप से अभ्यास करने से आपकी एजिंग प्रोसेस धीमी हो जाती है और आप बहुत लंबे समय तक जवां लगते हैं।
उज्जायी प्राणायाम करने का तरीका
- सबसे पहले आप पद्मासन या सिद्धासन में बैठ जाए।
- मुंह बंद रखें।
- अब आप दोनों नासिकाओँ से धीरे-धीरे एक लय के साथ तबतक श्वास लें जबतक श्वास पूरी तरह फेपड़े में ना भर जाए।
- जब दोनों नासिका से सांस लें तो गर्दन के थाइरोइड वाले हिस्से को कंपन कराके ऊं की ध्वनि उत्पन्न करने की कोशिश करें।
ये ध्वनि हल्की और समान होनी चाहिए।
- श्वास लेते समय सीने को फुलाने की कोशिश करें।
- श्वास को तबतक अंदर रखें जबतक आप इसको रोक सकतें हैं।
- फिर दाहिने अंगूठे से दाहिनी नासिका बंदकर बायीं नासिका से धीरे-धीरे श्वास छोड़ें।
- बायीं नासिका से श्वास छोड़ने की बजाय आप दोनों नासिकाओं से भी धीरे-धीरे श्वास छोड़ सकते हैं।
- यह एक चक्र हुआ। इस तरह से आप 10 चक्र करें।
उज्जायी प्राणायाम करने के फायदे
- यह आपकी उम्र को स्वस्थ रूप में बढ़ाने में मदद करती है। शास्त्रों में लिखा गया है के जो मनुष्य नियमित रूप से इस प्राणायाम का अभ्यास करता है उसको मौत भी जल्दी नहीं आती। इससे इस प्राणायाम का आप महत्त्व जान सकते हैं।
- उज्जयी प्राणायाम बहुत लंबे समय तक आपको जवां रखता है और साथ ही साथ आपकी एजिंग प्रोसेस को भी धीमी कराता है।
- यह थाइरोइड रोगियों के लिए बहुत उपयुक्त प्राणायाम है।
- गर्दन में मौजूद पैराथाइरॉइड को भी स्वस्थ रखता है।
- उज्जयी प्राणायाम मस्तिष्क से गर्मी दूर कर इसे ठंड पहुंचाता है।