इतिहास की वे 3 बहादुर महिलाएं जिनका नाम सुनकर दुश्मनों के उड़ जाते थे होश
वीरता का प्रतीक सिर्फ पुरुषो को माना जाता हैं लेकिन इतिहास गवाह हैं कि महिलाएं भी कम वीर नहीं होती हैं और उन्होने अपनी वीरता को साबित किया हैं| दरअसल देश की आजादी में सिर्फ पुरुषों ने नहीं बल्कि महिलाओं ने भी अपना योगदान दिया हैं और उन्होने देश की आजादी के लिए अपनी कुर्बानी तक दे दी हैं| ऐसे में आज हम आपको इतिहास की तीन ऐसी महिलाओं के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी वीरता की दाग दी जाती हैं और उन्होने दुश्मनों से डट कर सामना किया था|
इतना ही नहीं दुश्मन उनके नाम सुनकर ही काप उठते थे| फिलहाल आज भले ही लोग महिलाओं को कमजोर मानते ही लेकिन महिलाओं को जब भी मौका मिला हैं उन्होने अपने साहस का परिचय हर जगह दिया हैं| इसलिए आज या कल की महिलाएं अबला नारी नहीं थी बल्कि उनके अंदर भी भी वीरता कूट-कूट कर भरी थी|
(1) झांसी की रानी लक्ष्मी बाई
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इनके बारे में कौन नहीं जानता हैं बल्कि बच्चे-बच्चे के जुबान पर ‘ खूब लड़ी मर्दानी वो तो झांसी वाली रानी थी’ सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा रचित कविता याद हैं| दरअसल जब अंग्रेजों ने झांसी को अपने कब्जे में कर लिया था तब अपने राज्य को अंग्रेजों से मुक्त कराने के लिए उनका सामना डट कर किया था और मरते दम तक उन्होने हार नहीं मानी थी|
(2) बेगम हजरत महल
इतिहास के विद्यार्थी ही नहीं बल्कि सभी लोग बेगम हजरत महल के बारे में जानते हैं| इन्होने मेरठ में अंग्रेजों के खिलाफ बहुत ही बड़ा युद्ध किया था और उनका डट कर सामना किया था| इनके अदम्य साहस को देखकर देश के ज़्यादातर लोग देश को आजाद कराने के लिए उनका साथ देने लगे|
(3) झलकारी बाई
रानी लक्ष्मीबाई की सहेली झलकारी बाई थी और वो तलवारबाजी और तीरंदाजी मे बहुत ही निपुण थी। बता दें कि इन्होने रानी लक्ष्मी बाई के साथ मिलकर बहुत सारे युद्ध में हिस्सा लिया था और अपने अदम्य साहस का परिचय दिया था| दरअसल झलकारी बाई के पिता झाँसी की सेना में एक मामूली सैनीक थे।
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