Inspirational Stories

Real Hero of Independence : आजाद हिंद फौज का वह सिपाही जो आज 103 वर्ष की उम्र में भी है एकदम स्वस्थ

Youthtrend Inspirational Desk : आज देश अपना 74वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा हैं देश को आजाद करवाने के लिए असंख्य वीर शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति दी हैं आज हर भारतवासी उन सभी वीरों को दिल से नमन करता हैं जिनकी वजह से आज हर देशवासी स्वतंत्र भारत में जी रहा हैं, देश को आजाद करवाने में भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद, महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, जैसे वीरों का योगदान रहा हैं उन्हीं महान क्रांतिकारियों में से एक थे सुभाष चंद्र बोस जिन्होंने आजाद हिंद फौज की स्थापना की थी। सुभाष चंद्र बोस ने नारा दिया था तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हे आज़ादी दूंगा, इससे प्रेरणा लेकर बहुत से युवा सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज से जुड़े, उन्ही में से एक थे राजस्थान के रहने वाले सेडूराम कृष्णिया, आजाद हिंद फौज से जुड़कर देश के लिए आजादी की लड़ाई लड़ने वाले सेडूराम आज 103 वर्ष के हो चुके हैं और एक स्वस्थ जीवन जी रहें हैं आइए जानते हैं उनके बारें में।

103 वर्ष की उम्र में भी जी रहें हैं स्वस्थ जिंदगी

1bc0613de243c794e2f3deac6b8f57be

राजस्थान के झुंझुनूं जिले में स्थित हैं बुडाना गांव जहां रहते हैं आजाद हिंद फौज के सिपाही सेडूराम कृष्णिया, आज ये 103 वर्ष के हो चुके हैं लेकिन इतनी ज्यादा उम्र होने के बावजूद उन्हें चलने-फिरने में कोई परेशानी नहीं होती हैं वो बिना किसी सहारे के चल लेते हैं। उनकी आंखो की रोशनी भी ठीक हैं और उन्हें अखबार पढ़ने के लिए चश्मे की भी आवश्यकता नहीं होती, सेडूराम का मानना हैं कि उन्हें अभी और जीना हैं।

ये भी पढ़े :-26 वर्ष की उम्र में शहीद हुए वायु सेना के एकमात्र परमवीर चक्र विजेता के साहस की अमर कहानी

मात्र 21 वर्ष की आयु में जुड़े थे आज़ाद हिंद फौज से

सेडूराम बताते हैं कि जब वो आज़ाद हिंद फौज से जुड़े थे तो वो 21 वर्ष के थे, वो 4 सिंतबर 1940 को आजाद हिंद फौज का हिस्सा बने थे, वो आजाद हिंद फौज में दी राजपुताना बटालियन में बतौर राइफलमैन शामिल हुए थे, जब फ्रांस ने आजाद हिंद फौज के सिपाहियों को कैद कर लिया था तो उन्हें 18 दिन तक भूखा रखा गया था, उनके इस अदम्य साहस के लिए देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया था।

ये भी पढ़े :-Gunjan Saxena : वह जांबांज फ्लाइंग ऑफिसर जिसने कारगिल युद्ध में गोलाबारी के बीच घायल जवानों को बेस तक पहुंचाया

91b30eb630ff3a6b21feca5c90ae3c16

सुभाष चंद्र बोस से पहली मुलाकात के बाद ही जुड़े थे आजाद हिंद फौज से सेडूराम

सेडूराम के अनुसार उनकी बोस से पहली बार मुलाकात जर्मनी में हुई थी तब नेताजी के द्वारा दिए गए नारे के बाद आजाद हिंद फौज का गठन हुआ तो वो भी फौज के साथ जुड़ गए थे, फौज से जुड़ने के कुछ समय बाद ही उन्हें देश से बाहर जाना पड़ा जहां फ्रांस ने सभी सैनिकों को लीबिया में कैद कर लिया था जहां उन्हें लगातार 3 साल तक यातनाएं दी गई थी। बाद में नेताजी ने लीबिया से सैनिकों को कैद से मुक्त करवाया था, सेडूराम ने विवाह नहीं किया हैं।

Youth Trend

YouthTrend is a Trending Hindi Web Portal in India and Continuously Growing Day by Day with support of all our Genuine Readers. You can Follow us on Various Social Platforms for Latest News of Different Segments in Hindi.