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Sandalwood Farming : अब चंदन की खुशबू से महकेंगे यूपी के खेत, एक पेड़ लगाकर लाखों कमा सकते हैं किसान

Sandalwood Farming : चदंन के बारे में तो आप सभी जानते होंगे कि प्राचीन समय से इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक औषधि के रूप में किया जा रहा है। इसके अलावा पूजा-पाठ से लेकर इत्र व शर्बत बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। चंदन (Sandalwood) बेहद मनमोहक सुगंध वाला पेड़ होता है, इसकी से खेती किसान लाखों रुपए की कमाई कर सकते है। भारत में ऐसे कई किसान है जो चंदन की खेती कर मालामाल हो गए है। आज हम भी आपको एक ऐसे ही किसान के बारे में बताएंगे जो चंदन की खेती (Sandalwood Farming) कर पूरे उत्तर प्रदेश को इसकी सुगंध से महका रहे है और साथ ही अन्य किसानों को भी इसकी खेती करने के लिए प्रेरित कर रहे है। तो चलिए जानते है इनके बारे में और चंदन की खेती से जुड़ी कुछ खास बातें…

हम जिनकी बात कर रहें है वो यूपी के रामपुर के शहजादनगर ककरौआ गांव के निवासी रमेश है। इनके दो भाई हैं, जो गांव में ही रहते हैं और खेती करते हैं। लेकिन बच्चों की पढाई की वजह से रमेश शहर आ गए। करीब 12 साल पहले पिता की मृत्यु होने के बाद उनको 27 बीघा जमीन का हिस्सा मिला। जिस पर उनके भाई ही खेती करते थे। इसके बाद उन्होंने वैकल्पिक खेती के रूप में औषधीय खेती करने के बारे में विचार किया। इसके लिए उन्होंने जानकारी ली, तो उन्हें चंदन की खेती (Sandalwood Farming) के बारे में पता चला।

Sandalwood Farming : खेती के बारे में बैंगलोर से ली ट्रेनिंग

Sandalwood Farming

जिसके बाद रमेश चंदन की खेती (Sandalwood Farming) की पूरी जानकारी लेने और ट्रेनिंग करने बैंगलोर चले गए। यहां पहुंचकर उन्होंने इंडियन वुड साइंस टेक्नोलॉजी से इसकी पूरी जानकारी हासिल ली। इसके बाद वे मई महीने में बैंगलोर से बीज लेकर वापस अपने गांव रामपुर लौट आएं।

Sandalwood Farming : इस तरह की शुरुआत

गांव आकर रमेश ने अपने भाईयों से आठ बीघा खेत खाली करवाकर और उसमें चंदन के पौधे तैयार करने के बीज बो दिए। जिसके बाद अब वे बीज पौधे के रूप में तैयार हो गए हैं। चंदन की खेती को लेकर रमेश कुमार ने बताया कि पहले चंदन की खेती उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित थी, लेकिन 2017 में सरकार ने इसे प्रतिबंधों से मुक्त कर दिया है। यूपी में इसकी खेती के लिए सरकार ने यह शर्त रखी कि चंदन के पेड़ तैयार होने के बाद उन्हें सिर्फ सरकार ही खरीदेगी और खुद ही एक्सपोर्ट करेगी।

Sandalwood Farming

इन जगहों पर हो सकती है चंदन की खेती

रमेश ने बताया कि भारत में दो प्रकार के चंदन की खेती (Sandalwood Farming) की जाती है एक सफेद चंदन और दूसरा लाल चंदन। बता दें कि लाल चंदन की खेती (Sandalwood Farming) दक्षिण भारत के राज्यों में होती हैं, जबकि सफेद चंदन की उत्तर प्रदेश में। इसके लिए मिट्टी का पर्याप्त PH मान साढ़े सात होना जरूरी है। रमेश ने बताया कि चंदन के पेड़ की ऊंचाई 18 से लेकर 20 मीटर तक होती है और इसे तैयार होने में 10 से लेकर 12 साल तक का समय लगता है। इसके लिए डालवों जमीन, जल सोखनेवाली उपजाऊ चिकली मिट्टी और 500 से लेकर 625 मिमी तक वार्षिक वर्षा का होना जरुरी होता है।

चंदन के एक पेड़ से कमा सकते है लाखों

किसान रमेश कुमार ने बताया कि सरकार द्वारा प्रतिबंध हटाने के बाद किसान चंदन की खेती (Sandalwood Farming) करने लगे। अब कोई भी किसान चंदन के एक पेड़ से दो से तीन लाख रूपये तक खेती कर आराम से कमा सकता हैं। एक एकड़ में करीब 400 से 500 पौधे लगाए जा सकते हैं। रमेश ने चंदन की खेती के लिए कुछ जरूरी बातें बताई।

Sandalwood Farming

कैसे करें चंदन की खेती

रमेश ने बताया कि उत्तर भारत में सफेद चंदन की खेती (Sandalwood Farming) सबसे ज्यादा होती है। क्योंकि, इसमें 7.5 पीएच वाली मिट्टी की जरूरत होती है। चंदन के पौधे लगाने के बाद इसके आस-पास साफ सफाई का ध्यान रखना होता है। साथ ही इस बात का भी ध्यान देना होता है कि इसकी जड़ों के पास पानी का जमाव न हो, इससे बचने के लिए किसान इसकी मेड़ को थोड़ा ऊपर रखें, जिससे पानी का जमाव जड़ के पास न हो सके। चंदन के पौधों को सप्ताह में दो से तीन लीटर पानी की जरूरत होती है। रमेश ने बताया कि चंदन के पेड़ को पानी के लगने से बीमारी होती है इसे पानी से बचाना जरूरी होता है।

चंदन का इस्तेमाल

बता दें कि आयुर्वेद में औषधी बनाने के लिए चंदन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा चंदन का उपयोग परफ्यूम बनाने, ब्यूटी प्रोडक्ट्स तैयार करने में भी होता है।

Sandalwood Farming

चंदन के पौधे की कीमत

एक चंदन का पौधा 200 रुपये से 400 रुपये तक में मिल जाता है। इसकी कीमत पेड़ की संख्या पर भी निर्भर करती है। इसके अलावा इसके साथ लगने वाले होस्ट के पौधे की कीमत करीब 50 से 60 रुपये होती है।

चंदन के लकड़ी की कीमत

किसान रमेश कुमार के अनुसार चंदन की लकड़ी सबसे महंगी लकड़ी माना जाता है। इसका बाजार मूल्य करीब 25 हजार से 30 हजार रुपये प्रति किलो तक होता है। एक पेड़ से किसान को 25 से 40 किलो लकड़ी आराम से मिल जाती है। ऐसे में वे एक पेड़ से पांच से छह लाख रुपये तक आसानी से कमा सकता है।

पेड़ की सुरक्षा

चंदन के पेड़ के सुरक्षा की बात करें तो शुरूआती दौर में इसे आठ सालों तक किसी बाहरी सुरक्षा की जरूरत नहीं होती, क्योंकि उस समय तक इसमें खुशबू नहीं होती है। जैसे ही पेड़ की लकड़ी के पकने की प्रक्रिया की शुरूआत होती है, वैसे ही इसमें खुशबू आनी शुरू हो जाती है। तब इसकी सुरक्षा की जरूरत होती है। किसान इसके लिए खेत की तार की घेराबंदी करा सकते हैं। साथ ही खेत के चारों तरफ पांच फिट की दीवार बनवा सकते हैं।

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