जन्मदिन विशेष: एक साथ 15 हिट फिल्में देकर राजेश खन्ना ने बना दिया था रिकार्ड
राजेश खन्ना बॉलीवुड के एक ऐसे सुपरस्टार जिन्हें कोई भी कभी भी भूल नहीं सकता। आज राजेश खन्ना की 75वीं जयंती है, उनका जन्म 29 दिसम्बर 1942 में हुआ था। राजेश खन्ना को लोग काका के नान से भी जानते है। अगर उनकी बात कि जाए तो वो बॉलीवुड के एक ऐसे स्टार थे, जो बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार्स बने सही मायनों में देखा जाए तो अपने समय में काका इतने लोकप्रिय कलाकार थे कि स्टार्डम क्या होती हैं ये उस दौर के स्टार्स राजेश खन्ना को देखकर पता चला। काका ने एक साथ 15 हिट फिल्में बॉलीवुड में देकर अपना रिकॉर्ड बना दिया जिसे आज तक कोई भी तोड़ नहीं पाया है। पहले सुपरस्टार की उपाधि भी राजेश खन्ना को ही मिली है।
बॉलीवुड के महानायक की बात कि जाए तो वो भी राजेश खन्ना के स्टार्डम से अछूते नहीं है। अमिताभ बच्चन के एक्टर बनने में कहीं न कहीं राजेश खन्ना का बहुत बड़ा हाथ है वो खुद बताते हैं कि, ”मैंने पहली बार राजेश खन्ना को फिल्म फेयर के कवर पर देखा था। उस वक्त वो फिल्म फेयर के एक कॉटेस्ट के विजेता थे और बाद में आगे चलकर मैंने भी इस कॉन्टेस्ट में आवेदन किया था लेकिन वो खारिज कर दिया गया। दूसरी बार मैंने राजेश खन्ना को बड़े पर्दे पर फिल्म ‘अराधना’ में देखा। थिएटर में राजेश खन्ना को देखकर लोगों की प्रतिक्रिया बयाँ कर पाना बेहद मुश्किल था।”
अमिताभ ने यह भी बताया कि वो काका से पहली बार कैसे मिले। अमिताभ बताते हैं कि, “मेरी पहली मुलाकात महमूद ने राजेश खन्ना से करवाई थी, उस दौरान उन्होंने मुझसे हाथ मिलाया भले ही उनके लिए यह रोज की बात हो लेकिन उस वक्त मैं खुद को बहुत सम्मानित महसूस कर रहा था। कुछ वक्त बाद ही मुझे फिल्म ‘आनंद’ में उनके साथ काम करने का मौका मिला जो मेरे लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था।”
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साथ ही अमिताभ यह भी बताते हैं कि राजेश खन्ना बेहद शांत किस्म के व्यक्ति थे, जिनका अंदाज बेहद शाही था। शायद यही कारण था कि लोग उनकी तरफ खिंचे चले आते थे। उनकी ये सादगी लोगों को उनका दिवाना बना देती थी। राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन ने एक साथ लगभग 6 फिल्मों काम किया है। जिसमे अमिताभ बच्चन ने पहली बार राजेश खन्ना के साथ फिल्म ‘आनंद’ में काम किया।
बिग बी कहते हैं कि मेरा फिल्मों में अनुभव काफी कम था लेकिन मैं खुशनसीब था कि मुझे राजेश खन्ना के साथ काम करने का मौका मिला। आनंद में एक सीन था, जिसमें मुझे राजेश खन्ना को मौत के बाद बोलने के लिए कहना था। जिस पर आकर मैं बार बार अटक जाता था। बहुत परेशान होकर मैं महमूद भाई के पास गया और मैंने उन्हें बताया कि इस एक सीन को करने का मैं कोई खास तरीका नहीं खोज पा रहा हूं।
तो उन्होंने मुझे एक सलाह दी कि तुम राजेश खन्ना को सच में मरा हुआ समझो तब तुम एक्टिंग कर पाओगे। मैं जानता था कि ये एक्टिंग का कोई पाठ नहीं है लेकिन राजेश खन्ना की मौजूदगी कितनी अहम है, इस बात का एहसास दिलाता था। फिर हुआ भी ऐसा और फिल्म का वो सीन आसानी से फिल्मा लिया गया।