कैंसर हॉस्पिटल के बाद अब वाराणसी में खुलेगी मेदांता अस्पताल की शाखा, शुरू हुई जमीन की तलाश
वाराणसी चिकित्सा का हब बनते जा रहा, वाराणसी में एक के बाद एक बड़े बड़े अस्पताल खुलते जा रहे है और संजीवनी देने वाले महादेव की यह नगरी अस्पतालो का गढ़ तो बनती जा रही है, उम्मीद है इसी के साथ रोग का अंत भी होगा और रोगी को आरोग्यता भी मिलेगी। सुविधाओं को मजबूत करने के लिए वाराणसी में एक बड़े अस्पताल के लिए जमीन की खोज शुरु हो चुकी है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं प्रख्यात मेदांता अस्पताल की जिसके लिए प्रधानमंत्री मोदी जी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में जमीन की खोज की जा रही है।
बता दें की यहाँ पर खुलने वाले इस अस्पताल में कुल 400 बेड होंगे। वाराणसी में अस्पताल की शाखा खोलने की घोषणा पिछले साल जुलाई में लखनऊ में हुई ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रबंध निदेशक डॉ. नरेश त्रेहन ने की थी। इसी सिलसिले में त्रेहन बीते रविवार वाराणसी पहुंचे जहां उन्होंने बतायि कि जमीन मिलने के बाद काम शुरू हो जाएगा।
मेदांता अस्पताल : सरकार से मदद की आस
डॉ. त्रेहन ने कहा कि यदि प्रदेश सरकार मदद करती है तो उसके साथ मिलकर पीपीपी मॉडल पर अस्पताल खोल सकते हैं। अगर कोई बड़ा निजी अस्पताल आगे आता है तो उसके साथ भी मिलकर मेदांता अस्पताल की सेवाएं शुरू कर दी जाएंगी। लखनऊ में मेदांता अस्पताल की शाखा खुल गई है और नोएडा में बन रहा है। अब वाराणसी और गोरखपुर में भी इसे खोलने की तैयारी है।
चुनौतियां बहुत सारी
डॉ. त्रेहन ने कहा कि भारत जैसे बीमारियों की राजधानी बन गया है। यहीं कारण है कि आज चिकित्सा के क्षेत्र में बहुत सी चुनौतियां हैं। पहले से ही हमारे देश में बीमारियां है। कैंसर, हार्ड जैसी बीमारी के मरीज भी तेजी से बढ़े हैं। ऐसे में सरकार और निजी अस्पतालों की जिम्मेदारी है कि वह देश के हर नागरिक को इलाज की सेवा दें।
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बजट की कमी से दिक्कत
डॉ. त्रेहन ने आगे कहा कि आयुष्मान योजना आमलोगों की चिकित्सा के लिए देश के लिए सबसे अच्छी योजना है लेकिन सरकार के पास बजट की कमी के कारण इसमें परेशानियां आ रही हैं। अगर सरकार चिकित्सा पर बजट बढ़ाती है तो अच्छा होगा।