जानें, क्या है लोकसभा में पास होने वाला ट्रांसजेंडर बिल, इससे क्या होगा बदलाव व क्या होगा फायदा
ट्रांसजेंडर व्यक्ति (अधिकारों का संरक्षण) बिल – 2019 जिसे 5 अगस्त, 2019 में ही लोकसभा में पास किया जा चुका है| इस बिल के तहत ट्रांसजेंडर कम्युनिटी को उनका अधिकार दिलाना था, और उनके विरुद्ध होने वाले अपराधों को रोकना था| जिसमे यौन हिंसा, शारीरिक हिंसा, समाजिक भेदभाव या नौकरी देने में होने वाला भेदभाव भी शामिल किया गया था| कांग्रेस, डीएमके और टीएमसी सांसद ने इस पर अपना काफी विरोध जताया था, लेकिन आखिरकार इस बिल को 5 अगस्त को पास कर दिया गया था| कौन से लोग आते हैं ट्रांसजेंडर समुदाय के अंदर, और क्यों बनाया गया ट्रांसजेंडर अधिकार संरक्षण बिल इन्ही सब चीज़ों के बारे में हम आज बात करने वाले है|
बिल के हिसाब से किन लोगों को ट्रांसजेंडर की श्रेणी में लिया गया है?
ट्रांसजेंडर वह व्यक्ति होते है जो अपने जन्म के दोरान उस अवस्था में पैदा नहीं होते है जिस तरह से साधारण तौर पर होते है| ट्रांसजेंडर में मुख्य रूप से किन्नर, ट्रांस मेन और ट्रांस वूमन, इंटर-सेक्स जैसे समुदायों को शामिल किया जाता है| इस बिल के हिसाब से ट्रांसजेंडर को अपनी आइडेंटिटी के लिए एक आइडेंटिटी सर्टिफ़िकेट दिया जाता है| इस सर्टिफ़िकेट को बनवाने के लिए उन्हें खुद ही डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के पास जाकर आवेदन करना होता है| यह सर्टिफ़िकेट ट्रांसजेंडर व्यक्तियों को उनके अधिकारों के लिए काम आता है|
यह बिल किस तरह के भेदभावों को रोकता हैं और ट्रांसजेंडर को कौन से अधिकार दिए गए है?
1 उन सभी सुविधाओं का लाभ उठा सकते है जो पब्लिक को सरकार या किसी समुदाय द्वारा दि गयी हो|
2 कोई भी कम्पनी या संस्थान द्वारा ट्रांसजेंडर को नौकरी देने, उनका प्रोमोशन करने या उनके और अन्य कर्मचारियों के बीच भेदभाव नहीं कर सकता है| ऐसे में ट्रांसजेंडर व्यक्ति शिकायत दर्ज करवा सकता है|
3 ट्रांसजेंडर व्यक्ति को हेल्थ और मेडिकल से जुड़ी सभी सुविधाएँ उपलब्ध कराई जायेंगी| यहाँ तक की उनके लिए अलग से हेल्थ चैक अप सेंटर और इंश्योरेंस स्कीम भी खोली जायेंगी|
4 ट्रांसजेंडर को अपने घर वालों के साथ ही कहीं भी रहने का अधिकार है| वह अपने माता-पिता के साथ रह सकता है और आस-पड़ोस में भी कोई उनसे इस विषय में कोई भी मतभेद नहीं कर सकता है| अगर घर वाले किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति की देखभाल नहीं कर पा रहे है तो रीहैबिलटेशन सेंटर में रह सकता है| इसके अलावा कोई भी ट्रांसजेंडर व्यक्ति कहीं पर भी किराए का मकान लेकर अथवा खुद का मकान लेकर रह सकता है| ऐसे में मकान मालिक बिना किसी उचित कारण के किसी ट्रांसजेंडर व्यक्ति को घर देने से मना नहीं कर सकता|
यह भी पढ़ें : जानें, नेहरू और नरेंद्र मोदी की विदेश नीति में क्या हैं समानताएं और क्या असमानताएं ?
ट्रांसजेंडर के खिलाफ किन चीजों का करना अपराध है और क्या दंड है?
1 लोगों के लिए दि गयी किसी तरह की सुविधा, साधन या स्थान का उपयोग करने से रोकना|
2 उनकी मर्जी के बिना उन्हें मजदूरी करवाना|
3 मौखिक तौर पर या शारीरिक तौर पर किसी तरह की हिंसा करना, शारीरिक हिंसा या यौन शोषण, अप-शब्द कहना या किसी तरह का भेदभाव करना|
किस तरह का दंड
दरअसल दंड उस सजा के हिसाब से रखा गया है जिस तरह का अपराध किया गया है| साधारण तौर पर ऐसी सजाओं का दंड एक बड़े जुर्माने से लेकर 2 साल कैद तक हो सकती है|