नवरात्र विशेष: पाकिस्तान ही नहीं बल्कि इन 4 देशों में भी हैं माता रानी के शक्ति पीठ
माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा नवरात्रि के दिनों में की जाती हैं| हिन्दू धर्म के मुताबिक माँ के सभी स्वरूपों की पूजा करने से मनचाहा वरदान मिलता हैं| ऐसे में आज हम आपको माँ के प्रसिद्ध शक्तिपीठों के बारे में बताने जा रहे हैं| शास्त्रों के मुताबिक जहां-जहां देवी सती के अंग के टुकड़े, वस्त्र या आभूषण गिरे वहाँ-वहाँ शक्तिपीठ का उदय हुआ था| देवी सती, अगले जन्म में राजा हिमालय के घर पार्वती के रूप में जन्म ली और घोर तपस्या करके भगवान शिव को अपने पति रूप में प्राप्त किया| पूरी दुनिया भर में कुल 51 शक्तिपीठों का निर्माण हुआ हैं और यह भारत के अलग-अलग स्थानों के साथ विदेशों में भी स्थित हैं|
विदेशों में स्थापित हैं माँ के नौ शक्तिपीठ
माँ दुर्गा के कुल 51 शक्तिपीठ हैं, इसमें से नौ शक्तिपीठ विदेशों में स्थापित हैं| ये सभी शक्तिपीठ भारत के पड़ोसी राज्य बांग्लादेश में 4, श्रीलंका में 1, तिब्बत में 1, नेपाल में 2 और पाकिस्तान में एक हैं| इसमें तिब्बत में मानस शक्तिपीठ, श्री लंका में शक्तिपीठ, नेपाल में गण्डकी शक्तिपीठ, नेपाल में गुहाश्वेरी शक्तिपीठ, पाकिस्तान में हिंगलाज शक्तिपीठ, बांग्लादेश में सुगंध शक्तिपीठ, करतोयाघाट शक्तिपीठ, चट्टल शक्तिपीठ और यशोर शक्तिपीठ शामिल हैं|
(1) मानस शक्तिपीठ
यह शक्तिपीठ नेपाल के मानसरोवर तट पर स्थित हैं, यहा पर देवी सती का दाहिना हाथ गिरा था|
(2) हिंगलाज शक्तिपीठ
यह शक्तिपीठ पाकिस्तान में स्थित हैं, पुरानों के मुताबिक यहा देवी माँ का सिर गिरा था, इसलिए यहाँ पर देवी का पूरा रूप नहीं बल्कि सिर्फ उनका सिर ही नजर आता हैं|
(3) लंका शक्तिपीठ
लंका शक्तिपीठ भारत के पड़ोसी राज्य श्री लंका में हैं| ऐसी मान्यता हैं कि यहा पर देवी सती का पायल गिरा था| यहाँ की देवी सती ‘इंद्राक्षी’ तथा भगवान शिव ‘राक्षसेश्वर’ हैं।
(4) गण्डकी शक्तिपीठ
यह शक्तिपीठ नेपाल में स्थित हैं और यहाँ पर देवी का दक्षिणागण्ड यानि कपोल गिरा था| यहाँ देवी सती ‘गण्डकी’ तथा भगवान शिव ‘चक्रपाणि’ हैं।
(5) गुहाश्वेरी शक्तिपीठ
यह नेपाल में स्थित हैं और यहाँ देवी के दोनों घुटने गिरे थे| इस शक्तिपीठ की शक्ति ‘महामाया’ और भगवान शिव ‘कपाल’ हैं।
(6) खुलना शक्तिपीठ
खुलना शक्तिपीठ नेपाल में स्थित हैं, यह माँ की नासिका गिरि थी और यह माँ के सुगंध का शक्तिपीठ हैं|
(7) करतोयाघाट शक्तिपीठ
इस जगह पर देवी सती का त्रिनेत्र गिरा था और यह जगह भवानीपुर में स्थित हैं| यहाँ देवी ‘अपर्णा’ स्वरूप में तथा भगवान शिव ‘वामन भैरव’ रूप में वास करते हैं
(8) चट्टल शक्तिपीठ
यह चटगाँव में स्थित हैं और यहाँ देवी सती दाहिना भुजा गिरा था, यहाँ की देवी शक्ति ‘भवानी’ तथा शिव ‘चंद्रशेखर’ हैं।
(9) यशोर शक्तिपीठ
यह जगह बांग्ला देश के खुलना जिले के जैसोर नमक नगर में स्थित हैं| यहा माँ के बाई हथेली गिरा था, यहाँ की देवी सती ‘यशोरेश्वरी’ तथा शिव ‘चंद्र’ हैं।