जानें, शास्त्रों के अनुसार पूजा के दौरान क्यों वर्जित हैं प्याज लहसुन
पूरे विश्व में भारत एक ऐसा देश हैं जहां पर कई धर्म और जाती के लोग निवास करते हैं| इन्हीं धर्मों में से एक धर्म हैं सनातन धर्म, जिसे हिन्दू धर्म के नाम से भी जाना जाता हैं| सनातन का अर्थ हैं जो शाश्वत हो, सदा के लिए सत्य हो और जिन बातों का शाश्वत महत्व हो वहीं सनातन धर्म होता हैं| दरअसल सनातन धर्म एक मात्र ऐसा धर्म हैं जो परमात्मा, आत्मा और मोक्ष को तत्व और ध्यान से जानने का मार्ग बताता हैं|
बता दें कि सनातन धर्म में अनेक रीति-रिवाज और परम्पराएँ हैं जो पूरी दुनिया के लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं| यह एक ऐसा धर्म हैं जिसमें अनेक जातियाँ और उपजातियाँ हैं, जिनके कई प्रकार के रीति-रिवाज और खान-पान हैं| दरअसल सनातन धर्म में प्याज और लहसुन पूजा में वर्जित माना गया हैं और इसके कई कारण बताएं गए हैं| ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर सनातन धर्म के अनुसार पूजा में क्यों वर्जित है प्याज लहसुन
इसलिए पूजा में वर्जित हैं प्याज लहसुन
सनातन धर्म में पूजा-पाठ कर के भगवान को प्रसन्न किया जाता हैं ताकि भगवान की कृपा से आपका जीवन सुखमय हो लेकिन यदि आप प्याज लहसुन का सेवन करते हैं तो आपका मन पूजा में स्थिर नहीं रहता हैं यानि आपका मन इधर-उधर भटकता हैं और आप भगवान की सच्चे मन से आराधना नहीं कर पाते हैं| प्याज और लहसुन ऐसी सब्जियाँ हैं जो प्रकृति प्रदत्त भावनाओं में सबसे निचले दर्जे की भावनाओं जैसे जुनून, उत्तेजना और अज्ञानता को बढ़ावा देती हैं और यह अध्यात्म के मार्ग पर चलने में बाधा उत्पन्न करती हैं, इसकी वजह से व्यक्ति का मन स्थिर नहीं रहता हैं|
ऐसे में यदि आपका मन स्थिर नहीं रहता हैं तो आप कितने भी अनुष्ठान या फिर मंत्र उच्चारण कर ले, आपको कोई लाभ नहीं मिलेगा| इसलिए सनातन धर्म में प्याज और लहसुन खाने की मनाही होती हैं क्योंकि यदि आप इनका सेवन नहीं करते हैं तो आपका मन स्थिर रहता हैं और मन स्थिर रहने पर आप अपना ध्यान पूरी तरह से भगवान पर लगा सकेंगे, जिससे आपके मन को शांति मिलेगी|
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