रानी लक्ष्मी बाई के निधन के बाद उनके पुत्र का ऐसा हुआ था ऐसा ‘हाल’, जानकर कांप जाएंगे आप
रानी लक्ष्मी बाई के बारे में कौन नहीं जानता जिन्होंने अकेले 1857 के युद्ध में अंग्रेजों का सामना किया था। जब रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजों से लड़ाई लड़ रही थीं उस दौरान वे अपने दत्तक पुत्र दामोदर राव को अपने पीठ पर बांध कर लड़ाई कर रही थीं। इनकी इस कहानी को याद कर के लोगों कि आंखों में आज भी आंसू छलक आते हैं। सब जानते हैं कि रानी लक्ष्मी बाई वीरगति को प्राप्त हुईं लेकिन क्या कभी किसीने जाना कि उनके इस दत्तक पुत्र का क्या हुआ । उनके वंशज का क्या हुआ उनकी ज़िंदगी कैसी थी। चलिए आज हम आपके बताते हैं उनके दत्तक पुत्र के बारे में पूरी कहानी।
क्या हुआ रानी लक्ष्मी बाई के दत्तक पुत्र के साथ
ऐसा कहा जाता है कि रानी लक्ष्मीबाई के जाने के बाद दामोदर राव को बहुत कष्ट झेलने पड़े थे यहां तक कि भीख मांगने की नौबत भी आ गई थी । वे अपना गुजरा भीख मांग कर करते थे । आपकी जानकारी के लिए बता दें कि लक्ष्मीबाई को एक पुत्र हुआ था किन्तु दुर्भाग्यवश वो चार महीने बाद अचानक चल बसा । उनके पति काफी बीमार रहते थे इसलिए रानी ने राज्य को उसका उत्तराधिकार दिलाने के लिए दामोदर राव को 5 साल की उम्र में गोद लिया ।
1857 के युद्ध के समय रानी ने दामोदर की जिम्मेवारी अपने विश्वासपात्र सरदार रामचन्द्र राव देशमुख को सौंप दिया । युद्ध में जब रानी वीरगति को प्राप्त हुई तब उसके बाद से रामचन्द्र राव देशमुख ने दामोदर को दो वर्षों तक लेकर ललितपुर के जंगलों में भटकते रहे । कई दिनों तक वे जंगलों में कष्ट से व्यतीत करने के बाद झालरापाटन पहुंचे । वहां उन्हें नन्हेखान मिले ।
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रानी लक्ष्मी बाई के वंशज
बता दें कि रानी लक्ष्मीबाई के वंशज इंदौर के अतिरिक्त देश के दूसरे जगहों पर भी रहते हैं। दामोदर राव की असली मां और उनकी चाची ने उनकी शादी 1860 में करा दी। लेकिन उनकी पत्नी का किसी कारणवश देहांत हो गया फिर इनकी दूसरी शादी हुई और उन्हें एक पुत्र की प्राप्ति भी हुई उनका नाम लक्ष्मण राव था । लक्ष्मण राव के पुत्र कृष्ण राव और चंद्रकांत राव का भी वंश आगे बढ़ा। फिर कृष्ण राव के भी दो पुत्र हुए – मनोहर राव और अरुण राव ।
चंद्रकांत राव के तीन पुत्र हुए – अक्षय चंद्रकांत राव , अतुल चंद्रकांत राव और शांति प्रमोद चंद्रकांत राव । लक्ष्मण राव और कृष्ण राव इंदौर न्यायलय में टाइपिस्ट थे। तथा अरुण राव मध्यप्रदेश विद्युत मंडल में जूनियर इंजीनियर के रूप में कार्य करते थे और वर्ष 2002 में अपने कार्य से सेवानिवृत हो गए । योगेश राव उनका बेटा है जो कि एक सॉफ्टवेयर इंजिनियर है ।