शुरू हो गया है पितृपक्ष, भूल से भी इन दिनों में न करें ये गलतियाँ वरना आशीर्वाद के स्थान पर मिलेगा भयंकर श्राप
भाद्रप्रद की पुर्णिमा से लेकर के आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तक पितृपक्ष माना जाता है| पितृ पक्ष में कुछ कार्यों को करना वर्जित माना गया हैं| इसलिए भूल से भी पितृपक्ष में ये कार्य ना करे| आइए जानते हैं उन कार्यों के बारे में जो पितृपक्ष में नहीं करना चाहिए|
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(1) पितृपक्ष में यदि कोई दंपति संतान प्राप्ति हेतु शारीरिक संबंध बनाते हैं तो उसे पितृ पक्ष में वर्जित माना गया हैं| लेकिन यदि कोई दंपति पितृ पक्ष में शारीरिक संबंध बनाता हैं और उस दौरान गर्भ ठहर जाता हैं तो उसे अशुभ माना जाता हैं| इसलिए इस बात का ध्यान विवाहित लोगों को ध्यान देना चाहिए|
(2) इन दिनों लोहे के बर्तन का प्रयोग नहीं करना चाहिए| यदि आप किसी को भोजन करा रहे हैं| तो उसे लोहे के बर्तन में खाना ना परोसे बल्कि उसे पत्तल में खाना खिलाये| हालांकि आप खाना बनाने में लोहे के बर्तन का उपयोग कर सकते हैं|
(3) पितृपक्ष में किसी भी व्यक्ति का अनादर ना करे| अर्थात यदि आपके घर पर कोई भिखारी आता हैं तो उसे नहीं भागना चाहिए| वरना यदि आप ऐसा करते हैं तो आपको पितृ का श्राप लगा सकता हैं|
(4) पितृपक्ष में मांसाहार का प्रयोग नहीं करना चाहिए| अर्थात पितृ पक्ष में सात्विक भोजन ही करे|
(5) पितृपक्ष में अशुद्ध स्थिति में अर्थात घर की महिलाएं यदि मासिक धर्म में हैं तो वो भोजन ना बनाए| यदि आपके घर में कोई नहीं हैं तो आप किसी और से भोजन बना ले या फिर बाहर से मंगा कर पितृ देवताओ को भोजन का भोग लगा सकते हैं| लेकिन यदि आप अपवित्र अवस्था में भोजन बनाती हैं तो पितृ देवता उस भोजन को ग्रहण नहीं करते हैं|