RBI Digital Currency : डिजिटल Rupee से भारत में हुई नये युग की शुरुआत, जानें आपको होगा कितना फायदा
RBI Digital Currency : आखिरकार लंबे समय से जिस चीज का इंतजार था वो आज पूरा होने जा रहा है, क्योंकि देश में आज से डिजिटल लेन-देन के नए युग की शुरुआत होगी। दरअसल, केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने देश की डिजिटल करेंसी यानी ‘डिजिटल रुपया’ (Digital Currency) का पहला पायलट परीक्षण आज से शुरू करने जा रहा है। RBI ने देश के 9 सरकारी और प्राइवेट बैंकों को इस प्रोसेस में शामिल होने की परमिशन दी है। आइये जानते है डिजिटल करेंसी क्या हैं, भारत के पहले डिजिटल करेंसी (Digital Currency) का आने वाले समय में हम सभी पर इसा क्या प्रभाव पड़ेगा।
RBI Digital Currency : डिजिटल Currency क्या है?
सबसे पहले जानते है कि डिजिटल करेंसी क्या है, बता दें कि Digital Currency भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से जारी किए जाने वाले करेंसी नोटों का ही डिजिटल स्वरूप है। यह कैश और कॉन्टैक्ट लैस पेमेंट मोड होगा, जो यह क्यू-आर कोड और SMS स्ट्रिंग पर आधारित है जो ई-वाउचर के रूप में काम करता है। इसका इस्तेमाल सभी तरह के लेन-देन के लिए किया जा सकेगा। इस सर्विस के तहत यूजर को पेमेंट करने के लिए न तो कार्ड, डिजिटल पेमेंट ऐप और न ही इंटरनेट बैंकिंग एक्सेस की जरूरत होगी। इससे ज़्यादा से ज़्यादा लोग डिजिटल रुपये का इस्तेमाल कर सकेंगे। RBI ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी- CBDC-R और CBDC-W में बांटा है। CBDC-W का मतलब होता है होलसेल करेंसी। ये करेंसी नोटों की तरह ही पूरी तरह वैलिड और मान्य होंगे। इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है।
डिजिटल करेंसी 3 प्रकार की होती है
- क्रिप्टोकरेंसी:- यह डिजिटल करेंसी (Digital Currency) है जो नेटवर्क में लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए क्रिप्टोग्राफी का यूज करती है। इसपर किसी भी देश की सरकार का कंट्रोल नहीं होता है। बिटकॉइन और एथेरियम इसके उदाहरण हैं।
- वर्चुअल करेंसी: वर्चुअल करेंसी डेवलपर्स या प्रक्रिया में शामिल विभिन्न हितधारकों से मिलकर एक संगठन द्वारा नियंत्रित अनियमित डिजिटल करेंसी है।
- सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) : सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी किसी देश के सेंट्रल बैंक द्वारा जारी की जाती हैं। आरबीआई ने इस करेंसी को ही जारी करने की बात कही है।
सेंट्रल बैंक ने कही ये बात
सेंट्रल बैंक ने कहा है कि पायलट प्रोजेक्ट को कुछ खास जगहों पर चयनित ग्राहकों और कारोबारियों के बीच एक महीने तक चलाया जाएगा। इससे मिले लेसन और अनुभव के आधार पर इसका विस्तार करने की संभावना की गई है। अगर यह पायलट प्रोजेक्ट सक्सेसफुल रहता है तो दूसरे कई क्षेत्रों में एक्सपेरिमेंटल तौर पर CBCD के इस्तेमाल की शुरूआत की जाएगी। कुछ महीनें के अंदर खुदरा वित्तीय लेन देन में भी Digital Currency के इस्तेमाल की इजाजत दिये जाने की संभावना है।
रिजर्व बैंक ने कही ये बात
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि थोक में डिजिटल रुपये (E Rupee) के प्रयोग से Securities Market में अंतर बैंकिंग लेन देन और ज्यादा प्रभावशाली बन सकेगी। सेटलमेंट की प्रोसेस की लागत भी कम हो सकेगी। RBI ने ये भी बताया कि दूसरे लेन देन में भी थोक लेन देन की तरह Digital Currency का यूज शुरु किया जाएगा। इन फ्यूचर डिजिटल रूपए को भविष्य में विदेशों में भुगतान के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसकी वैल्यू करेंसी नोट के बराबर ही होगी। लोग इसको देकर करेंसी नोट भी ले सकेंगे।
क्या digital currency-crypto currency की तरह है?
आपके मन में जरुर ये सवाल होगा कि क्या ये क्रिप्टोकरेंसी की तरह काम करेगा, तो बता दें कि क्रिप्टोकरेंसी पूरी तरह प्राइवेट है। इसकी मॉनिटरिंग करने वाला कोई नहीं है। इस पर सरकार या आरबीआई का कंट्रोल नहीं होता है। वहीं RBI की Digital Currency पूरी तरह से वैलिड है क्योंकि इसे खुद आरबीआई ने लॉन्च किया है, जिसे सरकार की मंजूरी है। RBI का रेगुलेशन होने से टेरर फंडिंग, मनी लॉउंड्रिंग की आशंका नहीं रहेगी। क्रिप्टो का भाव घटता बढ़ता रहता है, पर डिजिटल करेंसी में ऐसा नहीं होगा। लोगों को Digital Rupee को फिजिकल करेंसी में भी बदलने की सुविधा मिलेगी। तो इससे ये साफ होता है कि डिजिटल करेंसी और क्रिप्टो करेंसी एक जैसे नहीं है।
इन बैंकों को Digital Currency के यूज की मिली परमिशन
जिन बैंको को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर Digital Currency के इस्तेमाल की इजाजत दी गई है, उसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, HDFC बैंक, ICICI बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, YES बैंक, आइडीएफसी बैंक, एचएसबीसी शामिल हैं।
क्या होगा इसका फायदा
बता दें कि e-RUPI प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकता है। यह कई सामाजिक कल्याण योजनाओं में मदद कर सकता है। इसमें आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, फर्टिलाइजर सब्सिडी जैसी योजनाओं में मददगार साबित हो सकता है। सिर्फ इतना ही नहीं, ये निजी क्षेत्र के कर्मचारी भी अपने वेलनेस और कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी प्रोग्राम्स के हिस्से के रूप में इनका इस्तेमाल कर सकते हैं। इस डिजिटल पेमेंट सॉल्यूशन का उद्देश्य ऑनलाइन पेमेंट को ज्यादा आसान और सुरक्षित बनाना है।
Digital Currency के अन्य फायदे
- Digital Currency का इस्तेमाल बैंकों के बीच होने वाले बड़े लेन देन के लिए किया जा सकेगा।
- चेक और बैंक अकाउंट से ट्रांजेक्शन का झंझट खत्म हो जाएगा।
- Digital Currency जारी होने से पेपर करेंसी की प्रिंटिंग का खर्चा भी बचेगा।
- CBDC इलेक्ट्रॉनिक रूप में अकाउंट में दिखाई देगा।CBDC को डैमेज नहीं किया जा सकेगा।
- नकली करेंसी का टेंशन भी खत्म होगा।
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