आखिरकार खुल ही गया दुनिया का सबसे बड़ा ताबूत, अंदर से निकला कुछ ऐसा जिसे देखकर वैज्ञानिक भी रह गए हैरान
आज भी दुनिया में बहुत सारे रहस्य हैं| जिन रहस्यों का उजागर आज तक नहीं हुआ हैं| ऐसे ही वैज्ञानिकों के एक समूह ने तमाम अफवाहों और कयासों की परवाह ना करते हुये| अब तक के सबसे बड़े ताबूत को खोल दिया है। इस महीने के शुरुआत में ही उत्तरी मिस्र के तटीय शहर एलेक्ज़ेंड्रिया में दो हज़ार साल पहले का एक 9 फीट लंबा रहस्यमय ताबूत मिला।
लोगों का मानना हैं कि इसमें ‘एलेक्जेंडर द ग्रेट’ के अवशेष हैं। यह वही एलेक्जेंडर हैं जिसने इस शहर एलेक्जेंड्रिया की खोज की थी परंतु पुरातत्व विभाग के लिए इस ताबूत के अंदर एक साथ तीन खोपड़ियां और अवशेष मिलना एक पहेली बन गया है। यह ताबूत इतना भारी था की इसके ढक्कन को खोलने के लिए क्रेन की सहायता लेनी पड़ी|
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प्राचीन समय से ही इजिप्ट मम्मियों का गढ़ रहा हैं| वहाँ के मम्मियों के बारे में बहुत अफवाहें भी होती थी| इजिप्ट के पुरातत्व मंत्रालय की ओर से मुस्तफा वजीरी ने इन तमाम अफवाहों कि परवाह ना करते हुये कहा कि हमने वो ताबूत खोल दिया है लेकिन आप सब देख लीजिए किसी भी अंधेरी दुनिया की शुरुआत नहीं हुई और कोई श्राप भी हमें नहीं लगा हैं।
मुस्तफा वजीरी ने इसके आगे कहा कि मैंने ही सबसे पहले इसके अंदर झांककर देखा था। वज़ीरी ने बताया कि इनमें से मिले ममी राज परिवार का नहीं हैं क्योंकि इसमें किसी भी तरह के सोने, चांदी के गहने या ऐसी चीजें नहीं मिलीं जो राजशाही लोगों को दफनाने के दौरान रखी जाती थी| इस को खोलने के बाद शताब्दियों से चली आ रही मान्यताओं को झुटला दिया हैं|
ये अवशेष किसके हैं
अब सवाल उठता हैं की यदि इस ताबूत में मिले अवशेष एलेक्जेंड्रिया का नहीं हैं तो फिर किसका हैं| इस सवाल का जवाब देते हुये पुरातत्व विभाग ने बताया कि जांच से पता चला है कि ये तीनों ममीयां सैनिकों के हैं। इन तीनों ममियों में से एक ममी को तीर लगने के निशान भी हैं। इस साथ यह भी बताया गया कि क्रेन की सहायता से इसे निकालकर इजिप्ट के नेशनल रीस्टोरेशन म्यूजियम ले जाया गया जहां पर इनकी मौत का कारण और बाकी चीजों के बारे में पता लगाया जाएगा।
जब इस ताबूत को खोलने की बारी आयी तो इस ताबूत को लेकर लोग अजीबो-गरीब दावा ककार रहे थे| कुछ लोगों का यहाँ तक कहना था कि इसे खोला गया तो कयामत आ जाएगी, तो कुछ लोगों ने कहा कि यह ममी श्रापित है। इसके अलावा एक और दावा था की इस ताबूत को खोलने के बाद, हजारों साल के लिए दुनिया अंधकार में चली जाएगी और अंधेरी दुनिया की फिर से शुरुआत हो जाएगी। यह दावा थोड़ा फिल्मी ज्यादा लग रहा था|
पुरातत्व विभाग के लोगों का कहना था कि इस ताबूत का कुल वजन 30 हजार किलो था| जबकि इसके ढक्कन का वजन 15 हजार किलो था| वैज्ञानिकों ने बताया कि इस ताबूत को खोलना इतना आसान नहीं था, जितना इसे समझा जा रहा था। यह ताबूत जमीन में 18 फीट नीचे था। जबकि इसकी लंबाई लगभग नौ फीट थी| यह ताबूत काले ग्रेनाइट पत्थर से बना था| यह लगभग 8.6 फीट लंबा अैर 5.5 फीट चौड़ा था| इस तरह वैज्ञानिकों ने एक और रहस्य से परदा उठाया|