Shivling: शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद ग्रहण करना चाहिए या नहीं ?
Shivling | सावन का पावन महीना शुरू हो चुका है, कल सावन का पहला सोमवार था। सावन सोमवार होने की वजह से देश भर के शिव मंदिरों में शिव भक्तों की भारी भीड़ जुटी हुई थी और हर कोई शिवलिंग पर जल अर्पण करना चाहता था। देवालयों में हर जगह भगवान भोलेनाथ के जयकारे लग रहे थे और ये नजारा तो पूरे सावन के महीने में देखने को मिलेगा। शिवजी की पूजा करने के साथ-साथ शिवलिंग पर भक्त बेलपत्र, धतूरा, फूल, फल इत्यादि अर्पित करते है और महादेव से मनोकामना पूर्ण करने की आस रखते है।
पुराणों के अनुसार सावन का महीना भगवान भोलेशंकर को भी बहुत प्रिय है, कहा जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों से वैसे भी जल्दी प्रसन्न हो जाते है और सावन के महीने में तो भक्तों पर महादेव की विशेष कृपा रहती है। कई बार हमें ऐसा भी सुनने को मिलता है कि शिवलिंग पर चढ़े हुए प्रसाद को कभी भी ग्रहण नहीं करना चाहिए। आज हम आपकों बताने जा रहे है कि क्या वाकई में शिवलिंग (Shivling) पर चढ़े प्रसाद को नहीं खाना चाहिए या ये केवल कोई अफवाह है।
Shivling: प्रसाद न खाने के पीछे क्या है मान्यता
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ऐसी मान्यता है कि सभी देवी-देवता पर चढ़े हुए प्रसाद का सेवन किया जा सकता है लेकिन शिवलिंग पर चढ़े हुए प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए। इसके पीछे ये तर्क दिया जाता है कि भगवान शिव के मुख से चंडेश्वर नाम के गण की उत्पत्ति हुई थी और वो भूत-प्रेतों का प्रधान है, इसलिए शिवलिंग को चंडेश्वर गण का भाग माना जाता हैं। जिस वजह से शिवलिंग (Shivling) पर चढ़े प्रसाद को खाना निषेध माना गया है।
शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद को खाने की क्या है सच्चाई
पवित्र पुराणों में से एक शिव पुराण के अनुसार शिवलिंग पर चढ़े प्रसाद को खाने मात्र से व्यक्ति के जन्मों-जन्मों के पाप नष्ट हो जाते है। कहा जाता है कि शिवजी पर चढ़ा हुआ प्रसाद काफी पवित्र होता है, जिस प्रकार शिवलिंग के मात्र दर्शन करने से ही हमारे बहुत से पाप समाप्त हो जाते है तो सोचिए उस पर चढ़े प्रसाद को ग्रहण करने से आपको कितना पुण्य मिलेगा। जहां तक बात चंडेश्वर की है तो किसी भी शिवलिंग पर चढ़े हुए प्रसाद में चंडेश्वर का हिस्सा नहीं होता है।
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शिव पुराण के अनुसार जिन शिवलिंग (Shivling) का निर्माण साधारण मिट्टी, पत्थर या चीनी मिट्टी से होता है तो ऐसे शिवलिंग पर चढ़े हुए प्रसाद को ग्रहण नहीं करना चाहिए बल्कि उसे आप बहते हुए जल में प्रवाहित कर सकते है। जो शिवलिंग पारद या धातु से बने हुए होते है वो महादेव का भाग होते है और उन पर चंडेश्वर का भाग नहीं होता है तो ऐसे में उस शिवलिंग पर चढ़े हुए प्रसाद का सेवन किया जा सकता है।
ऐसा प्रसाद को ग्रहण करने से किसी भी प्रकार का दोष नहीं मिलता है। अक्सर मंदिरों में शिवलिंग के साथ शालिग्राम भी विराजित होते है ऐसे में शिवलिंग की पूजा के बाद अगर शालिग्राम की पूजा भी की जाती है तो शिवलिंग पर चढ़े हुए प्रसाद को खाने से किसी भी प्रकार की हानि नहीं होती हैं। शिवलिंग (Shivling) के अलावा शिव मूर्ति पर चढ़े हुए प्रसाद को ग्रहण करने से भी किसी तरह का दोष नहीं मिलता है।