पुलिसवाले ने मुख्यमंत्री से लगाई गुहार, वेतन ना मिलने पर मांगी भीख मांगने की इजाजत
ऐसी स्थिति में क्या होगा जब आप काम तो लगातार कर अरहे हों और वो भी दिन के 24 घंटे कभी भी किसी भी जगह मगर आपको महीनों से आपके काम की तनख्वाह ही ना मिले तो आप क्या करेंगे। असल में ये किसी फिल्म की स्क्रिप्ट नही है बल्कि मुंबई पुलिस का हाल है जिसे हम देश की सबसे तेज़ और चुस्त पुलिस के रूप मे जानते हैं। बता दें की पिछले दो महीने से वेतन ना मिलने की बात कहते हुए मुंबई पुलिस के एक कांस्टेबल ने ‘वर्दी पहनकर भीख मांगने’ की मंजूरी मांगी है। पुलिसकर्मी का कहना है कि वेतन ना मिलने के कारण वह अपने परिवार का गुजर बसर नहीं कर पा रहा है।
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जिस वर्दी को पहनने की तमन्ना न जाने कितने युवाओं में रहती है और फिर जो सिपाही बन जाता है उसे ढेरों सामाजिक और असामाजिक कार्यों में चाहते ना चाहते हुए भी शरीक होना पड़ता है। मगर अब वही पुलिस वाला अपने साहब से फरियाद कर रहा है कि ‘साहब! हमें भीख मांगने की इजाजत दे दो’।
जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है की कांस्टेबल दन्यनेश्वर अहीरराव ने अपने विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस कमिश्नर दत्ता पदसालगिकर और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को एक चिट्ठी लिखी है जिसमे कांस्टेबल अहीरराव ने अपनी बीमार पत्नी की देखभाल और घरेलू खर्च निकालने के लिए भीख मांगने की मंजूरी देने की बात का जिक्र किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हे पिछले दो महीने से पगार ही नहीं मिल रही है।
हालांकि देखा जाए तो यह मामला काफी छोटा है लेकिन अगर इसमें गहरे उतरिए तो आपको एक बड़ी लापरवाही का ज्वालामुखी सुलगता नजर आएगा, क्योंकि अगर देखा जाए तो मामला बस इतना है कि मुंबई पुलिस के एक कॉन्स्टेबल दन्यनेश्वर अहीरराव ने पिछले दो महीने से पगार ना मिलने पर ‘वर्दी पहनकर भीख मांगने’ की मंजूरी मांगी है, मगर यहाँ सवाल सिर्फ एक कांस्टेबल के पगार का नहीं है बल्कि पूरी पुलिस-संस्था किस दौर से गुजर रही है यह फ़रियाद इससे पर्दा उठा रही है।