Inspirational Stories

सब्जी उत्पादन की ये तकनीक हैं जोरदार, बिना मिट्टी और 80 फीसदी कम पानी में उगा दी सब्जियां और सलाद

Inspirational Desk | क्या आपने कभी कल्पना की हैं कि बिना मिट्टी के कोई सब्जी भी उगाई जा सकती हैं लेकिन हल्द्वानी में रहने वाले दो व्यक्तियों ने ये कारनामा कर दिखाया हैं। इन दोनों ने अपनी जमीन पर एक ऐसी तकनीक का उपयोग करके दिखाया हैं जिसमें बिना मिट्टी के ही सब्जियां उगाई और इस दौरान उन्होंने 80 फीसदी पानी की बचत भी करी। उत्तराखंड में ये अपनी तरह की पहली ऐसी तकनीक हैं और इस तकनीक से सब्जियों की पैदावार भी अच्छी किस्म की हो रही हैं, आइये जानते हैं कि कौन सी तकनीक का उपयोग करके बिना मिट्टी के भी सब्जियां उगाई जा सकती हैं।

किस तकनीक का हो रहा इस्तेमाल

hydroponics
Farming without Soil

हल्द्वानी में नैनीताल रोड पर स्थित हैं हिमालयन ग्रीन्स नामक फार्म हाउस जहां प्रमोद जैन और डॉ सत्येन यादव के द्वारा विज्ञानी तरीका अपनाकर बिना मिट्टी के ही बहुत सी फसलों को उगाया जा रहा हैं। सबसे खास बात ये हैं कि इन फसलों को उगाने के लिए किसी भी तरह की जैविक या अजैविक खाद का भी प्रयोग नहीं किया गया हैं, यहां पर सब्जियां हाइड्रोफोनिक तकनीक से उगाई जा रही हैं जिसमें यहां उपलब्ध सभी पौधों को स्वचालित तरीके से पानी, नमी, धूप और हवा दी जाती हैं और ऑटोमैटिक मशीनों की मदद से ही पोषक तत्व मिलते हैं।

किस तरह उगाई जा रहीं हैं सब्जियां

डॉ यादव के मुताबिक यहां सब्जियां उगाने के लिए फ्लैट बैड, डच बकेट्स, ऐरो टावर और ग्रो बैग में पौधे लगाए जा रहें हैं इन सभी पौधों के नीचे मिट्टी की जगह स्पंज के एक छोटे से टुकड़े को लगाया गया हैं और इसी स्पंज के टुकड़े की मदद से उन पौधों की जड़ों तक पानी पहुंचता हैं। इसी में मौजद हाइड्रोफोनिक सिस्टम की मदद से पौधों को उनकी जरूरत के हिसाब से पानी, हवा, नमी मिलती हैं, इसके अलावा पंखे एवं एग्जॉस्ट भी पौधों की जरूरत अनुसार ही चलते हैं।

कौन सी सब्जियां उगाई जा रहीं

hydroponice
Farming

यहां अनोखी तकनीक के द्वारा लेटियस, पकचोई, स्ट्रॉबेरी, चेरी टमाटर, बिना बीज वाला खीरा, पीली और लाल शिमला मिर्च, नींबू तुलसी, बैंगनी तुलसी, मीठी तुलसी इत्यादि भी उगाई जा रही हैं। फिलहाल यहां पर कुल 11600 पौधे लगाए गए हैं और महज 30 दिनों के भीतर ही यहां पर पौधों की नई पैदावर बिल्कुल तैयार हो जाती हैं। यहां की इतनी तेज उत्पादन दर किसी भी खेत की तुलना में बहुत ज्यादा हैं और खेत के मुकाबले सब्जियां उगने में भी कम समय ले रही हैं।

कौन है प्रमोद जैन और डॉ. सत्येन यादव

नैनीताल रोड़ पर स्थित हिमालयन ग्रीन्स नामक जगह हल्द्वानी के ही रहने वाले प्रमोद जैन की हैं और यहां नई तकनीक से सब्जी उगाने का कार्य डॉ सत्येन यादव कर रहे हैं जो पंतनगर व कुमाऊँ यूनिवर्सिटी के बॉटनी विभाग में बच्चों को पढ़ा चुके हैं, फिलहाल डॉ सत्येन नोएडा में स्थित हॉर्टिकल्चर प्रोड्यूस मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट से जुड़े हैं जिसका कार्य किसानों को बेहतर पैदावर करने हेतु नई-नई तकनीकों का ज्ञान देना हैं