सौरमंडल का ये ग्रह माना जाता है यमराज का घर, 248 वर्ष में पूरा करता है सूर्य का एक चक्कर
लाइफस्टाइल डेस्क | वर्तमान में हमारे सौरमंडल में कुल मिलाकर 8 ग्रह हैं जिन्हें बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति, शनि, वरुण, अरुण और पृथ्वी हैं, कुछ समय पहले तक 1 और ग्रह इस सौरमंडल में शामिल था जिसे प्लूटो ग्रह के नाम से जाना जाता हैं पर आकार में काफी छोटा होने की वजह से इस ग्रह को वैज्ञानिकों द्वारा ग्रह की सूची से हटा दिया था। आज हम आपकों उसी ग्रह प्लूटो (Pluto) से जुड़ी कुछ अनोखी जानकारी देने जा रहे हैं जिसे यमराज का घर भी कहा जाता है और शायद ही आपने इसके बारे में पहले कभी सुनी या कही पढ़ी हो, इसके अलावा इस ग्रह को किसी का घर भी माना जाता हैं, आइये जानते हैं उस बारें में।
यमराज का घर के नाम से मशहूर है ये ग्रह
सौरमंडल में कभी शामिल रहे प्लूटो ग्रह (Pluto Planet) जिसे यमराज का घर के नाम से भी जाना जाता हैं, दरअसल इस ग्रह को यम ग्रह कहने के पीछे बहुत सी अजीबोगरीब और रहस्मयी भरी बातें जुड़ी हुई हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इस ग्रह की खोज 18 फरवरी 1930 के दिन हुई थी, पर क्या आप जानते हैं कि इस ग्रह की खोज जानबूझकर कर नहीं बल्कि गलती से हो गई थी, बताया जाता हैं कि खगोल वैज्ञानिक क्लीड डब्ल्यू टॉमबॉघ एक्स ने इस अनजाने ग्रह की तलाश की थी। इस ग्रह को खोज उस दौरान हुई जब यूरेनस (अरुण ग्रह) और नेप्च्यून (वरुण ग्रह) की कक्षाओं में ये अंजान ग्रह गड़बड़ी मचा रहा था।
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खोज के समय नहीं था इसका नाम Pluto
जब खगोल वैज्ञानिक द्वारा इस ग्रह की खोज की गई थी तो उस समय इस ग्रह का नाम प्लूटो नहीं रखा गया था बल्कि इस ग्रह को प्लूटो नाम उस समय ऑक्सफोर्ड स्कूल ऑफ लंदन में 11वी कक्षा में पढ़ रही छात्रा वेनेशिया बर्ने के द्वारा दिया गया था। जब उनसे इस बारें में ये पूछा गया कि उन्होंने इस ग्रह का नाम प्लूटो ही क्यों रखा हैं तो उन्होनें बताया कि इस ग्रह पर हमेशा अंधेरा ही मौजूद रहता था और रोम में अंधेरे के देवता को प्लूटो के नाम से जाना जाता था इसलिए उसने इस ग्रह को प्लूटो नाम दिया। वेनेशिया को ग्रह का नाम सुझाने के लिए 5 पौंड दिए गए थे वो भी इनामी राशि के रूप में।
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जानिए इस ग्रह से जुड़ी रोचक जानकारी
इस ग्रह को सूर्य की परिक्रमा करने में 248 साल का वक्त लगता हैं, पृथ्वी के मुकाबले इस ग्रह में 1 दिन 6.4 दिन के बराबर होता हैं, पृथ्वी के 24 घंटे यहां के 153 घंटो के बराबर होते हैं। ये ग्रह काफी दूर हैं इसी वजह से सूर्य ग्रह की रोशनी इस ग्रह तक पहुँचने में 5 घंटे का समय लग जाता हैं वहीं अगर सूरज की रोशनी पृथ्वी तक आने की बात की जाए तो वो महज 8 मिनट और 20 सेकंड में ही पहुँच जाती हैं। इस ग्रह पर तापमान बहुत ही कम हैं जिस वजह से यहां जीवन बिल्कुल भी संभव नहीं हैं, यहां का तापमान माइनस 233 डिग्री से लेकर माइनस 223 डिग्री हैं।
इस ग्रह पर बर्फ भी मौजूद हैं और पानी भी वो भी पृथ्वी पर मौजूद तीनो महासागरों से तीन गुना अधिक। इस ग्रह को आकार में छोटा होने के कारण सौरमंडल की सूची से हटा दिया गया था।