पूजा घर से जुड़ी ये बातें हर किसी के जानना है बेहद ज़़रूरी
वास्तु शास्त्र हमारे जीवन का वो महत्वपूर्ण हिस्सा है जिसे हम चाहे या ना चाहे लेकिन इसका सम्बन्ध हमारे जीवन से जुड़ा होता ही है। जी हाँ, असल में हम एशिया इसलिए कह रहे हैं क्योंकि वास्तु हमारे जीवन में बहुत ही आवश्यक है और यदि वास्तु के नियमों का उल्लंघन किया गया तो निश्चत रूप से आप जीवनपर्यंत किसी ना किसी समस्या से पीड़ित रहते हैं। बता दें कि वास्तु शास्त्र के अनुसार बताया गया है कि सनातन धर्म से संबंध रखने वाले प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर में निर्मित पूजा घर को वास्तु के अनुसार ही बनाना या रखना चाहिए।
माना जाता है हमारे घर की यही एकमात्र ऐसी जगह होती हैं जहां एक ही साथ तमाम देवी-देवता वास करते हैं। ऐसे में यदि आपके घर में इन देवी देवताओं का स्थान अनुचित होगा तो निश्चित रूप से आपको उसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। ऐसी परिस्थिति में किसी भी हाल में आपके घर में खुशियां नहीं टिकती और हमेशा समस्याएँ अपना डेरा डाले रहती हैं। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि आपके द्वारा की गयी किस भी तरह के पूजा का भी कोई फल नहीं मिलता। आइये आज हम आपको बताते हैं कि वास्तु के अनुसार पूदा स्थल से जुड़ी किन बातों तथा नियमों का विशेष का ख्याल रखना चाहिए।
बताना चाहेंगे कि हिन्दू धर्म में वास्तु विशेषज्ञों द्वारा बताया गया है कि यदि आप इन नियमों का पालन नहीं करते हैं तो आपको या आपके परिवार को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
पूजा घर से जुड़ी खास बातें
अक्सर ही ऐसा देखा जाता है कि लोग अपने गहर में स्थित मंदिरों में एक से अधिक प्रतिमाएं रख लेते, लेकिन ऐसा करने के साथ ना तो उनकी प्राण-प्रतिष्ठा करते हैं न ही उनकी विधि वत पूजा करते हैं। वास्तु के अनुसार ऐसा करने से उन्हें अशुभ फल प्राप्त होता है। वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि किसी भी व्यक्ति को अपने घर में एक से अधिक प्रतिमाएं नहीं रखनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से घर के सदस्यों के बीच आपसी मतभेद व कलह पैदा होना लगता है। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि कभी भी घर के मंदिर में किसी देवी-देवता की मूर्ति आमने-सामने नहीं रखनी चाहिए। ऐसा करना भी अशुभ माना जाता है।
हम सभी इस बात को जानते हैं कि सनातन धर्म में देवी-देवताओं को फूल आदि अर्पित किए जाने का काफी अधिक महत्व है। यही वजह है कि लोग अक्सर ही देवी-देवताओं को फूल तो कभी फूलों के हार अर्पित करते हैं। मगर इस दौरान एक बात पर विशेष ध्यान देना चाहिए कि ऐसा करते वक़्त भगवान के समक्ष से बासी फूल वहां से हटा लेना चाहिए। क्योंकि बासी फूलों के रहते भर में नए फूल चढ़ाना वास्तु की दृष्टि से शुभ नहीं माना जाता है। माना जाता है ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-सुविधाओं की हानि होने लगती है।
वास्तु शास्त्रीयों के अनुसार घर के पूजा स्थल में कभी भी खंडित प्रतिमाएं नहीं रखनी चाहिए। माना जाता है कि ऐसा करने से घर के लोगों का मन भटकने लगता है और इसके साथ ही सफलता के साथ-साथ जीवन से खुशियां भी लुप्त हो जाती हैं। इसलिए हमेशा यह सलाह दी जाती है कि खंडित प्रतिमाओं को या तो जल में प्रवाहित कर देना चाहिए या फिर किसी पीपल के वृक्ष के नीचे रख देना चाहिए।
इन सभी बातों के अलावा हमेशा इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि घर के मंदिर में प्रज्वलित किया जाने वाला दीपक जरा भी खंडित न हो। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह कतई शुभ नहीं माना जाता है।