आज मनाया जा रहा है संकष्टी चतुर्थी, गणेश जी की शुभदृष्टि प्राप्त करने का है अच्छा दिन
विद्वानो और शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है की पूर्णिमा के बाद आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी के नाम जाना जाता है। आपको बताना चाहेंगे की यदि संकष्टी चतुर्थी मंगलवार के दिन पड़ती है तो यह अंगारकी चतुर्थी होती है जो कई मायनों में बहुत ही शुभ माना जाता है। आज हम आपको इसके बारे मे कुछ विशेष बातें बताने जा रहे है जो श्री गणेश जी कृपा प्राप्त करने हेतु है।
अक्सर यही कहा जाता है की किसी भी देवी-देवता की पूजा करने में आपकी भाषा से ज्यादा आपके मन के भाव का ज्यादा महत्व होता है और इसी वजह से सलाह दी जाती है की हमेशा पवित्र मन से भगवान श्रीगणेश का पूजन करते है तो इससे आपको मानसिक शान्ति तो मिलती ही है साथ ही साथ आपके घर-परिवार-व्यवसाय में सुख-समृद्धि की भी वृद्धि होती है।
संकष्टी चतुर्थी : करें गणेश जी की पूजा
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जैसा की हम सभी जानते है किसी भी तरह के शुभ कार्य करने से पहले सर्वप्रथम पहले भगवान श्रीगणेश जी की पूजा की जाती है क्योंकि उनकी दृष्टि शुभ है। कहा जाता है की जहां भी श्रीगणेश की शुभदृष्टि और उनका आशीर्वाद मिलता है वहां सुख, समृद्धि, सम्मान और सफलता का सदैव निवास बना रहता है। आपको बताना चाहेंगे की हर पक्ष में एक चतुर्थी होती हैं, और हर पूर्णिमा के पश्चात आने वाली कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को ही संकष्टी चतुर्थी के नाम से जाना जाता हैं जबकि अमावस्या के ठीक बाद आने वाली शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते है।
ऐसा माना जाता है की भगवान गणेश को समर्पित विनायक चतुर्थी को गणेशोत्सव के रूप में तकरीबान पूरे विश्वभर में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, खासतौर पर हिन्दू प्रान्तों में बहुत ही ज्यादा धूम-धाम से। बताना चाहेंगे की प्रत्येक पक्ष की चतुर्थी के दिन यदि आप व्रत रख कर विघ्नेश्वर श्रीगणेश जी को प्रसन्न करते है तो यह निश्चित है की गणेश जी आपकी सभी विघ्न-बाधाओं तथा परेशानी को हर लेते है। संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह उठ कर हमेशा एक बार शांत और सच्चे मेन से श्रीगणेश जी की आराधना इस मंत्र के साथ करें, “ऊं श्रीगणेशाय नम:”।