आज संकष्टी चतुर्थी की रात, घर के मुख्य दरवाजे पर करें ये उपाय, जमकर बरसेगा पैसा और आएगी खुशियाँ
शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। इस वर्ष ये चतुर्थी 5 जनवरी यानि शुक्रवार के दिन पड़ रही है |इस दिन तिल चतुर्थी का व्रत किया जाता है। भगवान श्री गणेश रिध्ही सिध्ही के दाता हैं अतः आपके घर में धन धन्य के भंडारों को भर देंगे |यह व्रत करने से घर-परिवार में आ रही विपदा दूर होती है, कई दिनों से रुके मांगलिक कार्य संपन्न होते है तथा भगवान श्रीगणेश असीम सुखों की प्राप्ति कराते हैं। इस दिन गणेश कथा सुनने अथवा पढ़ने का विशेष महत्व माना गया है। व्रत करने वालों को इस दिन यह कथा अवश्य पढ़नी चाहिए। तभी व्रत का संपूर्ण फल मिलता है।
संकष्टी चतुर्थी
संकष्टी चतुर्थी को हमेशा से ही बहुत महत्व मिलता आया है एक पौराणिक गणेश कथा के अनुसार एक बार देवता कई विपदाओं में घिरे थे। तब वह मदद मांगने भगवान शिव के पास आए। उस समय शिव के साथ कार्तिकेय तथा गणेशजी भी बैठे थे।
देवताओं की बात सुनकर शिवजी ने कार्तिकेय व गणेशजी से पूछा कि तुममें से कौन देवताओं के कष्टों का निवारण कर सकता है। तब कार्तिकेय व गणेशजी दोनों ने ही स्वयं को इस कार्य के लिए सक्षम बताया। इस पर भगवान शिव ने दोनों की परीक्षा लेते हुए कहा कि तुम दोनों में से जो सबसे पहले पृथ्वी की परिक्रमा करके आएगा वही देवताओं की मदद करने जाएगा। भगवान शिव के मुख से यह वचन सुनते ही कार्तिकेय अपने वाहन मोर पर बैठकर पृथ्वी की परिक्रमा के लिए निकल गए। परंतु गणेशजी सोच में पड़ गए कि वह चूहे के ऊपर चढ़कर सारी पृथ्वी की परिक्रमा करेंगे तो इस कार्य में उन्हें बहुत समय लग जाएगा।
तभी उन्हें एक उपाय सूझा। गणेश अपने स्थान से उठें और अपने माता-पिता की सात बार परिक्रमा करके वापस बैठ गए। परिक्रमा करके लौटने पर कार्तिकेय स्वयं को विजेता बताने लगे। तब शिवजी ने श्रीगणेश से पृथ्वी की परिक्रमा ना करने का कारण पूछा।यह सुनकर भगवान शिव ने गणेशजी को देवताओं के संकट दूर करने की आज्ञा दी। इस प्रकार भगवान शिव ने गणेशजी को आशीर्वाद दिया कि चतुर्थी के दिन जो तुम्हारा पूजन करेगा और रात्रि में चंद्रमा को अर्घ्य देगा उसके तीनों पाप यानी दैहिक ताप, दैविक ताप तथा भौतिक ताप दूर होंगे|
संकष्टी चतुर्थी के दिन किये गये कुछ उपाय से घर परिवार में आने वाली सभी बढ़ाएं दूर हो जाती हैं इसके लिए हम आपको कुछ उपाय बता रहे है जिसे ध्यान में रखकर आप इस व्रत पूजा को करेंगे तो आपको बहुत ही लाभी मिलेगा |
इस दिन भगवान् गणेश की पूजा विधिवत करें और घी का दीपक अवश्य जलाएं ,चन्दन ,धुप करें और कोलोचन अवश्य चढ़ाये
शुद्धता का विशेष ध्यान रखे सभी काम नहा धोकर स्वच्छता से करें और गणेश जी को सफ़ेद फूल चढ़ाये ,दूर्वा चढ़ाये और चार लड्डू का भोग अवश्य लगायें |
रुद्राक्ष की माला से 108 बार इस मन्त्र का जाप करें “ॐ भक्त विघ्न नशाये नमः “
पूजन के बाद चन्द्रमा को शहद ,रोली,चन्दन,मिश्री और दूध से अर्ध्य दे|
पूजन के बाद लड्डू प्रसाद के रूप में ग्रहण करें |
इसके बाद अगर आपके परिवार पर कोई विपदा है समस्या है तो गणेश जी पर चढ़े गोल्ड लॉस्टन से अपने घर के मैं गेट पर तिलक कर ले इससे आपके जीवन से सभी समस्याएं दूर हो जाएँगी |