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Sakat Chauth 2019: सकट चौथ व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

Sakat Chauth 2019: सकट चौथ व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

हिन्दू धर्म के मुख्य व्रत और त्योहारों में एक संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी व्रत इस बार 24 जनवरी 2019 गुरुवार को मनाया जा रहा है, बता दें की देश के विभिन्न स्थानों पर इसे सकट चौथ या फिर संकष्ठी चतुर्थी व्रत के नाम से भी जाना जाता है। जानकारी के लिए बता दें की माघ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सकट चौथ के रूप में मनाई जाती है। जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है, सकट चौथ संकटों से उभरने का दिन है और आज हम आपको बताएँगे की संकट चौथ जिसे वक्रतुण्डी चतुर्थी, माही चौथ या तिलकुटा चौथ भी कहते हैं। इसका क्या महत्व है साथ ही साथ इसकी शुभ मुहूर्त व पूजन विधि के बारे में भी विस्तार से बताने जा रहे हैं।

Sakat Chauth 2019: सकट चौथ व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

सकट चौथ व्रत : महत्व, शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

गजाननं भूत गणादि सेवितं, कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम्. उमासुतं शोक विनाशकारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम्॥

सकट चौथ : पूजन विधि

  • शास्त्रों में सकट चौथ पर मिट्टी से बने गौरी, गणेश और चंद्रमा की पूजा करने का विधान है।
  • शब्ध सकट का अर्थ है संकट, अतः इसी दिन गणेशजी ने देवताओं का संकट दूर किया था।
  • शिव के वरदान अनुसार जो लोग गणपती की संकट मोचन के रूप में पूजा करके व्रत करेंगे उसके सब संकट दूर होंगे।
  • शिव के वरदान अनुसार सकट चौथ पर चंद्रमा गणेशजी के मस्तक का सेहरा बनकर पूरे विश्व को शीतलता देंगे।
  • शिव के वरदान अनुसार जो व्यक्ति सकट चौथ पर गणपती पूजन करके चंद्र को अर्ध्य देगा उसके दैहिक, दैविक व भौतिक विकार दूर होंगे।
  • सकट चौथ के दिन तिल को भूनकर गुड़ के साथ कूटकर तिलकुटा अर्थात तिलकुट का पहाड़ बनाया जाता है।
  • सकट चौथ के दिन गौरी गणेश व चंद्रमा को तिल, ईख, गंजी, भांटा, अमरूद, गुड़, घी से भोग लगाया जाता है।
  • इस दिन गौरी गणेश के पूजन के बाद अग्नि की सात बार परिक्रमा की जाती है।
  • भालचन्द्र का अर्थ है जिसेक भाल अर्थात मस्तक पर चंद्रमा सुशोभित हो।

Sakat Chauth 2019: सकट चौथ व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

सकट चौथ : महत्व

आपकी जानकारी के लिए बताते चलें की संकट चौथ सालभर में पड़ने वाली 4 बड़ी चतुर्थी की तिथियों में से एक है। बता दें की इस बेहद ही महत्वपूर्ण व्रत के मौके पर सुहागन स्त्रियां सुबह-शाम गणेशजी की पूजा करती है और रात में चंद्रमा के दर्शन और पूजा करने के बाद पति का आशीर्वाद लेती हैं और फिर इस व्रत को तोड़ा जाता है। बताते चलें की इस तरह व्रत करने से दाम्पत्य जीवन में कभी किसी प्रकार का कोई विपत्ति या विपदा आदि नही आती है और इस व्रत को करने से पति की उम्र बढ़ती है और शादीशुदा जीवन में प्रेम के साथ सुख भी बना रहता है।

Sakat Chauth 2019: सकट चौथ व्रत का महत्व, शुभ मुहूर्त व पूजन विधि

सकट चौथ : शुभ मुहूर्त

इसके अलावा गणेश जी के 1008 नाम से या” ॐ गं गणपतये नमः” मन्त्र से 17 बार गणेश जी को निम्न मन्त्र से दूर्वा अर्पित करने से समस्त कष्ट दूर होते है। आपकी जानकारी के लिए बता दें की इस बार सकट चौथ यानी की संकष्टी चतुर्थी 23 जनवरी को 23.59 पर शुरू हो होगी और 24 जनवरी को 20.53 बजे तक रहेगी।

  • दिन का सबसे बेहतर मुहूर्त: दिन 12:15 से दिन 13:30 तक (अमृत काल और शोभन योग)
  • चंद्रोदय का मुहूर्त: रात 09:31 पर

महाभाग्य का उपाय

गौरी गणेश और चंद्रमा का पंचोपचार पूजन करें. “ॐ गं गणेश्वराय विघ्ननायकाय नमः” मंत्र का जाप करें, संकटों से बचने के लिए के लिए करें महाभाग्य का महाउपाय। महा उपाय: गणेश जी पर 1 शाककरकंद और 12 तिल-गुड के लड्डू चढ़ाकर किसी ब्राह्मण को दान करें।

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