Makar Sankranti 2021: 13 या 14 कब मनाई जायेगी मकर संक्रांति, क्या है महत्त्व, इतिहास और लोकप्रिय खाद्य पदार्थ
मकर संक्रांति का त्यौहार एक अलग ही ख़ुशी लेकर आता है और यह त्यौहार देश के सभी हिस्सों में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है, हालाँकि अलग-अलग प्रांतों में इसके नाम बदल जाते है। जैसे उत्तर भारत में जहां इसे मकर संक्रांति (Makar Sankranti 2021) के नाम से जाना जाता है वहीं, असम में इस दिन बिहू और दक्षिण भारत में इस दिन पोंगल पर्व मनाया जाता है। इस दिन लोग सुबह सुबह स्नान करके दही-चूरा खाते है और छत पर पतंगबाजी का लुफ्त उठाते हैं।
मकर संक्रांति का शुभ मुहूर्त (Makar Sankranti 2021)
आपकी जानकारी के लिए बताते चलें कि इस वर्ष मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन सूर्य देव सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे और इसी के साथ मकर संक्रांति की शुरुआत हो जाएगी। दिन भर में पुण्य काल की बात करें तो वो करीब शाम के 5 बजकर 46 मिनट तक रहेगा। हालांकि, आपको यह बता दें कि महापुण्य काल सुबह सवेरे ही रहेगा। माना जाता है कि इस पुण्य काल में स्नान-दान करने से अक्षय फल की प्राप्ति होती है और यही वजह है कि भारी संख्या में लोग इस विशेष दिन गंगा स्नान कर दान आदि भी करते हैं।
मकर संक्रांति का महत्त्व और लोकप्रिय खाद्य पदार्थ
महत्व- मकर संक्रांति लोहड़ी के एक दिन बाद मनाया जाने वाला एक और फसल त्योहार है। यह मकर राशी या मकर राशि में सूर्य के गोचर का पहला दिन है। यह शीतकालीन संक्रांति के अंत का भी प्रतीक है। कई श्रद्धालु वाराणसी, हरिद्वार, इलाहाबाद या यमुना जैसी पवित्र नदियों में डुबकी लगाते हैं और सूर्य भगवान से प्रार्थना करते हैं। लोग इस त्यौहार पर पतंग, हल्की अलाव भूनते हैं और पीले रंग की खिचड़ी का आनंद लेते हैं।
इतिहास- एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, संक्रांति एक देवी थी जिसने शंकरसूर नामक एक शैतान को मार दिया था। महाभारत के एक पात्र भीष्म पितामह ने भी मकर संक्रांति के दिन अंतिम सांस ली।
खाद्य पदार्थ- नारियल गुझिया, दही चूर गुर, खिचड़ी, तिल पोली, पटिशप, पायसम, मुरुक्कू, मूंगफली चिक्की, गजक, मसाला वड़ा और तिलकुल मकर संक्रांति पर बनाई जाने वाली लोकप्रिय रेसिपी हैं।