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आइए जानें, आखिर क्यों मनाई जाती है चैत्र नवरात्रि, क्या है इसके पीछे का महत्व

हिन्दू धर्म के मुताबिक साल में चार बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता हैं, दो गुप्त नवरात्रि और दो आश्विन एवं चैत्र नवरात्रि और इस बार चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू हो रही हैं| नवरात्रि को लेकर ऐसी मान्यता हैं कि इन दिनों में देवी के नौ रूपों की पूजा की जाती हैं और पूजा के साथ नौ दिनों का व्रत भी रखते हैं| ज्योतिष के मुताबिक इस साल नवरात्रि में बहुत ही शुभ संयोग बन रहे हैं, जिसकी वजह से इस साल की नवरात्रि का काफी महत्व बढ़ गया हैं|

चैत्र नवरात्रि का महत्त्व

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि शारदीय नवरात्रि वैभव और भोग प्रदान देने वाला हैं जबकि गुप्त नवरात्रि तंत्र सिद्धि के लिए खास माना जाता हैं| वहीं चैत्र नवरात्रि आत्म शुद्धि के लिए हैं, दरअसल सभी नवरात्रि के पर्व का अपना-अपना अलग महत्व हैं| लेकिन आज हम आपको चैत्र नवरात्रि के विशेष महत्व के बारे में बताएँगे|

आइए जानें, आखिर क्यों मनाई जाती है चैत्र नवरात्रि, क्या है इसके पीछे का महत्व

नवरात्रि के नौ दिनों में मनुष्य अपनी भौतिक, आध्यात्मिक, यांत्रिक और तांत्रिक मनोकामना की पूर्ति के लिए उपवास रखता हैं और ईश्वरीय शक्ति इन मनोकमनाओ की पूर्ति हेतु इस समय सहायक होती हैं| इसलिए आध्यात्मिक दृष्टि से चैत्र नवरात्रि का अपना एक अलग महत्व हैं| यदि ज्योतिष दृष्टि से देखा जाए तो चैत्र नवरात्रि का खास महत्व हैं क्योंकि इस नवरात्रि के दौरान सूर्य की राशि परिवर्तन होता हैं|

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सूर्य 12 राशियों में अपना भ्रमण पूरा करते हैं और फिर से अपना अगला चक्र पूरा करने के लिए मेष राशि में प्रवेश करते हैं| चैत्र नवरात्रि से नए साल की शुरुआत होती हैं और इस दिन से वर्ष के राजा, सेनापति, वर्षा और कृषि के स्वामी ग्रह का निर्धारण होता हैं| नवरात्रि का व्रत इसलिए भी रहा जाता हैं ताकि पूरे साल ग्रहों की स्थिति अनुकूल रहे| ऐसा भी माना जाता हैं कि आदिशक्ति इस समय पृथ्वी पर होती हैं और वो जो भी भक्त उनकी पूजा करता हैं वो उसकी सभी मनोकामना पूरी करती हैं|

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आइए जानें, आखिर क्यों मनाई जाती है चैत्र नवरात्रि, क्या है इसके पीछे का महत्व

ऐसा माना जाता हैं कि चैत्र नवरात्रि के दिन आदिशक्ति पृथ्वी पर प्रकट हुयी थी और ब्रह्म जी से सृष्टि की रचना के लिए कहाँ और इस दिन ब्रह्म जी ने सृष्टि की रचना का कार्य निर्माण शुरू किया| चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप का अवतार लेकर पृथ्वी की रचना की थी, इतना ही नहीं भगवान विष्णु का सातवाँ अवतार भगवान राम की भी जन्म चैत्र नवरात्रि में ही हुआ था| इसलिए चैत्र धार्मिक रूप से काफी महत्वपूर्ण हैं| इसके अलावा इसका वैज्ञानिक महत्व भी हैं| दरअसल ऋतु बदलने से जो बीमारी उत्पन्न होते हैं, जिन्हें आसुरी शक्ति कहा जाता हैं, इनका अंत करने के लिए हवन पूजा किया जाता हैं और हवन में जड़ी-बूटी का इस्तेमाल किया जाता हैं| जिसके कारण वातावरण में उपस्थित सभी बैक्टीरिया मर जाती है|

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Chandan Singh

Chandan Singh is a Well Experienced Hindi Content Writer working for more than 4 years in this field. Completed his Master's from Banaras Hindu University in Journalism. Animals Nature Lover.