खुद मां लक्ष्मी पैसों से भर देंगी घर, एक बार जरूर करें व्रत
मां लक्ष्मी को धन की देवी भी कहा जाता हैं जो मां लक्ष्मी की सच्चे दिल से पूजा करता हैं उस पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती हैं आज हम आपको मां लक्ष्मी की एक ऐसी ही भक्त की कहानी बताने जा रहे हैं। बहुत समय पहले की बात हैं एक शहर में शीला नाम की एक महिला रहती थी। वो बहुत धार्मिक प्रवति की थीं, वो सदा लक्ष्मी माता की भक्ति में लीन रहती थीं और सबसे से ही विनम्र व्यवहार रखती थी। शीला का पति भी शीला की तरह काफी विनम्र स्वभाव का था, शहर में रहने के बावजूद शीला को किसी तरह के ऐश्वर्य या सुख के साधन की इच्छा नहीं थी।
धन की देवी हैं माँ लक्ष्मी
समय अच्छे से व्यतीत हो रहा था कि कुछ दिनों बाद शीला का पति गलत संगत में पड़ गया और उसके अंदर किसी भी तरह से पैसा कमाने की होड़ सी मच गईं। उसने पैसा कमाने के लिए गलत मार्ग चुन लिया था जिसके फलस्वरूप वो पैसा कमाने के बजाए और अधिक बुरी हालत में पहुंच गया, वो अब शराब पीने लगा, चरस, जुआ की बुरी आदत में भी पड़ गया जिसकी वजह से उसने अपना सब कुछ गंवा दिया। यह देख कर शीला बहुत दुखी रहने लगीं लेकिन उसका मां लक्ष्मी से विश्वास बिल्कुल भी नहीं डिगा।
एक दिन दोपहर के समय शीला के घर पर किसी ने दस्तक दी, जब शीला ने दरवाजा खोला तो उसने देखा कि बाहर एक बूढ़ी औरत खड़ी हैं जिसके चेहरे पर एक अलग तेज झलक दिख रहा था। जैसे ही शीला ने उस महिला को देखा तो उसको मन मे शांति महसूस हुईं, शीला उस महिला को अपने घर के अंदर ले गईं पर उसे उस महिला को बिठाने के लिए कोई बेहतर स्थान नहीं मिला तब उसने शर्माते हुए महिला को एक फटी हुई चादर पर बैठाया।
वैभव लक्ष्मी व्रत करने से खुलता है भाग्य
उस महिला ने शीला से पूछा कि क्या हुआ मुझे पहचाना नहीं तो शीला ने मना कर दिया तब उस महिला ने कहा कि मैं हर शुक्रवार को लक्ष्मी माता के मंदिर में भजन-कीर्तन में आती हूं तो मैंने देखा कि तुम कुछ समय से आईं नहीं तो मैं तुमसे मिलने घर आ गईं।
यह देख कर शीला ने उस महिला को सारी बात बता दी। तब उस महिला ने शीला को मां लक्ष्मी का वैभव लक्ष्मी व्रत करने को कहा और व्रत की सारी विधि बताईं। व्रत की सारी बातें सुनते हुए शीला की आंखे बंद हुई और जब उसने आंखे खोली तो देखा कि वो महिला वहा नही थी तब वो समझ गईं कि खुद मां लक्ष्मी उससे मिलने आई थीं।
अगला दिन शुक्रवार का था तो शीला ने मां लक्ष्मी के द्वारा बताए गए विधान से वैभव लक्ष्मी का व्रत किया और पूजन के बाद पति को प्रसाद दिया, प्रसाद खाते ही पति के व्यवहार में परिवर्तन आना शुरू हो गया, यह देख उसे प्रसन्नता हुईं और उसने 22 शुक्रवार को मां लक्ष्मी का व्रत रखा और आखिरी शुक्रवार के दिन सात महिलाओं को वैभव लक्ष्मी व्रत की पुस्तकें उपहार में दी। इस व्रत को करने से शीला का पति सही राह पर चलने लग गया और मेहनत से धन-दौलत कमाने लगा, मां लक्ष्मी की कृपा से उन पर धन की वर्षा होने लगी।