आज लगेगा साल का पहला चंद्रग्रहण, इसलिए भूल से भी न करें ये काम वरना होगा अशुभ
ग्रहण एक खगोलीय घटना है जो की हर साल होता है और जब सूर्य और चंद्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो इसे चन्द्र ग्रहण कहते है और सूर्य और चन्द्रमा के बीच में पृथ्वी के आ जाने से चंद्रमा का अधिकांश भाग ढक जाता है और इस स्थिति में सूर्य की किरने चंद्रमा तक नही पहुँच पाती तभी हमें चन्द्र ग्रहण दिखाई देता है। अगर ज्योतिष के दृष्टिकोण से ग्रहण को देखा जाये तो ये बहुत महत्वपूर्ण होता है, लेकिन विज्ञान के लिए यह मात्र एक खगोलीय घटना है।
ज्योतिष विद्या के अनुसार ग्रहण की स्थिति अच्छी नहीं होती, यह वो समय होता है जब संसार अंधकारमय हो जाता है और बुरी शक्तियां हावी रहती है। वैसे देखा जाये तो सामनय व्यक्ति के लिए ग्रहण मात्र एक जिज्ञासा का विषय है, लेकिन गर्भावस्था की स्थिति में, कोई शुभ कार्य करना, कहीं जाना हो तो ऐसी स्थिति में ग्रहण को नजरंदाज नहीं किया जा सकता।
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2018 का पहला चंद्रग्रहण साल के पहले महीने में माघ की पूर्णिमा के दिन है जो की 31 जनवरी को चंद्रग्रहण है जो शाम 17:58:00 से 20:41:10 तक रहेगा। यह पूर्ण चंद्रग्रहण होगा। औए दूसरा चंद्र ग्रहण 28 जुलाई को रहेगा, जिसकी शुरुआत 27 जुलाई की रात 23:54:26 से होगी जो 28 जुलाई की सुबह 03:48:59 बजे तक रहेगा।
माना जा रहा है की इस दिन 12 घंटे तक भगवान के दर्शन करना अशुभ जाएगा, जिस कारण से मंदिरों के पट बंद रहेंगे इस दौरान किसी भी तरह की पूजा नहीं की जाएगी ये चंद्र ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा जिस कारण से इसे धार्मिक सूतक की मान्यता भी दी जाएगी। चंद्र ग्रहण की अवधि करीब 2 घंटे 43 मिनट तक रहेगी। ऐसे में पूर्णिमा तिथि की पूजा और स्नान-दान का पुण्य और मंदिर में भगवान विष्णु और शिव की उपासना के लिए सुबह 8 बजकर 28 मिनट तक ही विशेष समय माना जा रहा है।
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ज्योतिषों के अनुसार ये खग्रास चंद्रग्रहण है जो पूरे भारत में दिखाई देगा। इसका समय सुबह 10 बजकर 18 मिनट से शुरु हो जाएगा। ग्रहण का समय चंद्रोदय के साथ ही शुरु होगा। बालक, वृद्ध और रोगियों के लिए यह सूतक काल नहीं माना जाएगा। ग्रहण के समय मूर्ति स्पर्श, भोजन और नदी स्नान वर्जित माना जाएगा, चंद्रग्रहण के सूतक के दौरान इस मंत्र का जाप करना सबसे लाभकारी माना जाता है।
चंद्रग्रहण के समय कुछ काम करने से बचना चाहिए
1.सूर्यग्रहण, चंद्रग्रहण के समय अशुभराशि वालों, रोगी एवं गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण नहीं देखना चाहिए।
2.ग्रहण के समय धार्मिक मनुष्य ईश्वर आराधना, मंत्र जाप, संकीर्तन करें।
3.ग्रहण के दौरान खाद्यान्न दूषित हो जाते हैं। इसलिए पर्व काल के दौरान भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए।
4.ग्रहण प्रारंभ होने के पूर्व खाने-पीने की वस्तुएं। पके भोजन, दूध, दही, घी, मक्खन, अचार, पीने के पानी, तेल आदि में कुशा या तुलसी पत्र डाल देना चाहिए, इससे ये दूषित नहीं होते।
5.चंद्र ग्रहण के समय मंदिर के दरवाजे बंद कर देने चाहिए और किसी भी भगवान की मूर्ति को हाथ नहीं लगाना चाहिए।
6.इस समय तुलसी, शमी वृ्क्ष को छूना नहीं चाहिए।
7.गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। ग्रहण के समय घर से बाहर न निकलें।
8.ग्रहण के समय भोजन करना, भोजन पकाना, सोना नहीं चाहिए।
9.इस दौरान सब्जी काटना, सीना-पिरोना आदि से बचना चाहिए।