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Devutthana Ekadashi 2018: जानें देवउठनी एकादशी का क्या है महत्व, शुभ मुहूर्त एवं पूजन विधि

Devutthana Ekadashi 2018: जानें देवउठनी एकादशी का क्या है महत्व, शुभ मुहूर्त एवं पूजन विधि

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को प्रबोधनी या देवउठनी एकादशी कहते हैं| दरअसल इस दिन ही भगवान विष्णु चार माह के विश्राम के बाद जागे थे| इस साल यह 19 नवंबर, सोमवार को हैं| इस दिन भगवान के आगमन के खुशी में उनकी पुजा देवी माँ लक्ष्मी के साथ किया जाता हैं और भगवान विष्णु के जागने का आह्वान किया जाता हैं|

Devutthana Ekadashi 2018: जानें देवउठनी एकादशी का क्या है महत्व, शुभ मुहूर्त एवं पूजन विधि

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देवउठनी एकादशी व्रत करने की विधि

ऐसा माना जाता हैं कि यह दिन बहुत खुशी का होता हैं क्योंकि इसी दिन भगवान विष्णु घर पधारने वाले होते हैं| इस दिन भगवान विष्णु चार महीने के विश्राम करने के बाद जागते हैं तो भक्त उन्हें प्रसन्न करने लिए पुजा, भजन और कीर्तन करते हैं| इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर भगवान विष्णु की पुजा का संकल्प ले|

इसके बाद घर के आँगन में भगवान विष्णु के चरणों की आकृति बनाए| ऐसा माना जाता हैं कि भगवान विष्णु इसी रास्ते से आएंगे| अब फल, फूल, मिठाई आदि सामानों का एक डलियाँ में रख ले और पूरे परिवार के साथ पुजा करे| शाम को ही विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ कर शंख बाजाकर भगवान विष्णु को आमंत्रण दे दें और पूरी रात श्रद्धानुसार भगवान के विभिन्न नामों का जाप करें। इसके अलावा माँ लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्त का पाठ करें।

देवउठनी एकादशी का पारण मुहूर्त

20 नवम्बर को प्रातः 6:48 मिनट जे 8:56 मिनट तक, शुभ मुहूर्त में ही पारण करे|

Devutthana Ekadashi 2018: जानें देवउठनी एकादशी का क्या है महत्व, शुभ मुहूर्त एवं पूजन विधि

देवउठनी एकादशी का महत्व

भारतीय पंचांग के मुताबिक देवउठनी एकादशी की तिथि का बहुत महत्व है। इसलिए इस दिन को विशेष पूजा-अर्चना के साथ मनाया जाता है। दरअसल इस दिन से ही विवाह के अतिरिक्त उपनयन, गृह प्रवेश आदि अनेक मंगल कार्यों का शुभारंभ होता हैं| बता दें कि इस दिन पुजा के साथ व्रत रखने का भी बड़ा महत्व होता है। महिलाएं इस दिन आंगन में गेरू तथा खड़ी से मांडणे सजाती हैं और तुलसी विवाह के साथ ही गीत एवं भजन आदि के साथ सभी उत्सव मनाते हैं।

क्‍या ना करें देवउठनी एकादशी को

(1) इस दिन घर में चावल ना बनाए|

(2) घर का वतावरण सात्विक बना कर रखे|

(3) कोशिश करे कि इस दिन घर के सभी लोग फलाहारी व्रत रहें। बूढ़े, बच्चे तथा रोगी व्रत नहीं भी रख सकते हैं।

(4) इस दिन कोई भी नशा ना करें।

Devutthana Ekadashi 2018: जानें देवउठनी एकादशी का क्या है महत्व, शुभ मुहूर्त एवं पूजन विधि

(5) इस दिन सच ही बोलने के कोशिश करे|

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