Religion

आज है बैकुंठ चतुर्दशी, इस विधि‍ से करेंगे पूजन तो होगी बैकुंठ लोक की प्राप्ति

आज है बैकुंठ चतुर्दशी, इस विधि‍ से करेंगे पूजन तो होगी बैकुंठ लोक की प्राप्ति

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बैकुंठ चतुर्दशी कहते हैं। इस बार यह पर्व 3 नवंबर यानि आज है। इस दिन बैकुंठाधिपति भगवान विष्णु की पूजा का विधान है। इसका उल्लेख ‘निर्णयसिन्धु’ में हुआ है। दुर्घटना रहित जीवन की कामना रखने वाले को इस दिन श्रीविष्णु का नाम स्मरण करना चाहिए। बेहतर नौकरी और कैरियर के लिए बैकुंठ चतुर्दशी के दिन नतमस्तक होकर भगवान विष्णु को प्रणाम करना चाहिए और सप्त ऋषियों का आवाहन उनके नामों से करना चाहिए।

मान्यता है कि चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु सृष्टि का भार भगवान शंकर को सौंप देते हैं। इन चार मासों में सृष्टि का संचालन शिव ही करते हैं। चार मास सोने के बाद देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु जागते हैं और बैकुंठ चतुर्दशी के दिन भगवान शंकर सृष्टि का भार पुन: भगवान विष्णु को सौंपते हैं। कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी के दिन परमब्रह्म भगवान शिव और विष्णु एकाकार रूप में रहते हैं।

आज है बैकुंठ चतुर्दशी, इस विधि‍ से करेंगे पूजन तो होगी बैकुंठ लोक की प्राप्ति

यह भी पढ़ें: पावन कार्तिक माह में रखें इन बातों का खास ध्यान, घर में आएगी संपन्नता

इस दिन सुबह स्नान आदि से निपटकर दिनभर व्रत रखना चाहिए और रात में भगवान विष्णु की कमल के फूलों से पूजा करना चाहिए, जो व्यक्ति इस दिन 1000 कमल पुष्पों से भगवान विष्णु की पूजा करता है वह अपने कुल परिवार के साथ वैकुण्ठ में स्थान प्राप्त करता है। इसके बाद भगवान शंकर की भी पूजा अनिवार्य रूप से करनी चाहिए।

विना यो हरिपूजां तु कुर्याद् रुद्रस्य चार्चनम्।
वृथा तस्य भवेत्पूजा सत्यमेतद्वचो मम।।

रातभर पूजा करने के बाद दूसरे दिन यानी कार्तिक पूर्णिमा (4 नवंबर) पर शिवजी का पुन: पूजन कर ब्राह्मणों को भोजन कराकर स्वयं भोजन करना चाहिए। बैकुंठ चतुर्दशी का यह व्रत शैवों व वैष्णवों की पारस्परिक एकता और भगवान विष्णु तथा शिव के ऐक्य का प्रतीक है।

Youth Trend

YouthTrend is a Trending Hindi Web Portal in India and Continuously Growing Day by Day with support of all our Genuine Readers. You can Follow us on Various Social Platforms for Latest News of Different Segments in Hindi.