गणेश चतुर्थी चंद्रमा का दर्शन माना जाता है अशुभ, छिपा है बेहद बड़ा कारण
Youthtrend Religion Desk : गणपति, गजानन, मंगलमूर्ति, विघ्नहर्ता, सिद्धि विनायक जैसे बहुत से नाम हैं गणेश भगवान के, पूरे देश में इस साल गणेश चतुर्थी का पर्व 22 अगस्त को मनाया जाएगा, मान्यता हैं कि भाद्रपद मास की शुक्लपक्ष की चतुर्थी के दिन श्रीगणेश का जन्म हुआ था इसलिए इसी दिन गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता हैं, गणेश चतुर्थी के दिन बहुत से लोग अपने घरों में गणेशजी की मूर्ति स्थापना करते हैं और 10 दिन तक घर में गणेशजी की पूजा करते हैं फिर 11वें दिन यानी अनंतचौदस के दिन गणेशजी की मूर्ति का विसर्जन करते हैं।
गणेशजी का विसर्जन बहुत ही धूम धाम से किया जाता हैं और बप्पा को विदा करते समय उनसे अगले साल जल्दी से आने को कहा जाता हैं, गणेशजी को मोदक का भोग लगाया जाता हैं, शास्त्रों के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के भूलकर भी दर्शन नहीं करने चाहिए वरना आप किसी तरह के पाप के भागीदार बन सकते हैं इस बारें में पुराणों में भी वर्णन हैं आइये जानते हैं क्या कथा हैं प्रचलित इस बारें में।
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गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा दर्शन ना करने के पीछे की कहानी
पुराणों के अनुसार एक बार गणेशजी अपने सवारी मूषक पर होकर खेल रहें थे कि तभी अचानक से एक सांप उनके सामने आ गया ये देखकर गणेशजी की सवारी मूषक डर कर उछल पड़े जिसकी वजह से गणेश जी भूमि पर गिर पड़े, तभी गणेशजी उठे और उन्होंने अपने आसपास देखा कि कोई उन्हें देख तो नहीं रहा कि तभी उन्हें चंद्रदेव के हंसने की आवाज आई, गणेशजी चंद्रदेव के द्वारा उपहास उड़ाए जाने से दुखी हुए और चंद्रदेव को श्राप दिया कि आज से तुम्हारी रोशनी जाती रहेगी और कोई भी तुम्हें नहीं देख पाएगा।
ये सुनकर चंद्रदेव परेशान हो गए और गणेशजी से क्षमा याचना करने लगें, इसके साथ अन्य देव भी गणेशजी को समझाने लगे, तब गणेशजी ने चंद्रदेव को माफ तो कर दिया पर ये भी कहा कि मैं अब अपना श्राप वापिस नहीं ले सकता लेकिन गणेशजी ने उन्हें ये वरदान दिया कि महीने में सिर्फ एक बार आपकी रोशनी पूरी तरह से चली जाएगी लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे हर दिन आपका आकर बढ़ने लगेगा और महीने में एक बार आप अपने पूर्ण रूप में दिखाई देंगे।
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इसी वजह से तब से ही चंद्रमा घटने और बढ़ने की प्रथा शुरू हो चुकी हैं, जिस दिन गणेशजी ने चंद्रदेव को श्राप दिया था उस दिन चतुर्थी थी, गणेशजी ने चंद्रदेव से ये भी कहा कि आप चतुर्थी के दिन सबको दिखाई तो देंगे लेकिन जो भी उस दिन आपके दर्शन करेगा उसे अशुभ फल मिलेगा और तब से ही गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता हैं।