कौन है Swati Mohan जिनकी तस्वीर शेयर कर आनंद महिंद्रा ने कहा, ‘आपने पूरे देश को गौरवन्वित किया’
जिस क्षण NASA के Perseverance रोवर ने अंतरिक्ष में सात महीने बाद गुरुवार को मंगल की सतह को आहिस्ता से छुआ, तो यह कोई और नही बल्कि भारतीय-अमरीकी डॉ. स्वाति मोहन थीं, जिन्होंने सबसे पहले इस बात की पुष्टि की थी कि रोवर मंगल के मुश्किल वातावरण में एक विशेष रूप से बच गया था।
“टचडाउन कन्फर्म्ड! Perseverance मंगल ग्रह की सतह पर सुरक्षित है, जो पिछले जीवन के संकेतों की तलाश शुरू करने के लिए तैयार है” रोवर के उतरने के तुरंत बाद एक शांत स्वर में डॉ. स्वाति मोहन ने घोषणा की, कैलिफोर्निया में नासा के मिशन कंट्रोल रूम में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी थी। सिर्फ इतना ही नहीं उनकी इस आवाज ने पूरे भारतवर्ष का सीना भी गर्व से चौड़ा कर दिया।
स्वाति मोहन, जिन्होंने सफलतापूर्वक तरह से नियंत्रण के विकास और रोवर के लिए लैंडिंग सिस्टम का नेतृत्व किया, वो इस ऐतिहासिक मिशन में शामिल वैज्ञानिकों की टीम में से एक थीं। AOCS रोवर को उस दिशा में इंगित करने के लिए ज़िम्मेदार है जहाँ इसे होना चाहिए और यह पता लगाने में भी मदद करता है कि अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में कहाँ उन्मुख है।
कौन हैं Swati Mohan
भारतीय मूल की नासा की वैज्ञानिक स्वाति मोहन एक वर्ष की उम्र से ही अमेरिका में रह रहीं हैं और उनकी शिक्षा-दीक्षा सब कुछ यही से हुई है। शुरुवात में उनके जीवन का लक्ष्य एक डॉक्टर बनने का था लेकिन जब उन्होंने स्काई-फाई फिल्म ‘स्टार ट्रेक’ देखि तो उसके बाद से ही उनके मन में ब्रम्हांड को जानने की उत्सुकता हो गयी थी। तभी से उनकी दिलचस्पी स्पेस में हो गयी थी। 16 साल की उम्र में फिजिक्स की एक क्लास ने उनका जीवन बदल दिया। उनके टीचर ने सब कुछ ऐसे समझाया कि उन्होंने इंजिनियरिंग करने का मन बनाना लिया और फिर स्पेस रिसर्च से जुड़ने का फैसला कर लिया।
उन्होंने कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री हासिल की। बाद में मैसेच्यूसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी (MIT) से उन्होंने एयरोनॉटिक्स / एस्ट्रोनॉटिक्स में पीजी और पीएचडी पूरी की है।
कल गुरुवार को, स्वाति मोहन ने फिर से इतिहास बनाया, जब उसने रोवर के नियंत्रण और लैंडिंग सिस्टम को आगे बढ़ाया और एक मुश्किल हालत में उसे मंगल की सतह पर उतरने के रूप में नेविगेट किया, जबकि पूरी दुनिया इस पल को सांस थम कर देख रही थी। भारत के मशहूर उद्योगपति और सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहने वाले आनंद महिंद्रा ने भी डॉ.स्वाति मोहन की इस उपलब्धि को देश के लिए बहुत बड़ा सम्मान के रूप में जाहिर किया.
कुछ ऐसा था Perseverance रोवर का सफ़र
रोबोट वाहन लगभग सात महीने तक अंतरिक्ष में रहा और ग्रह की सतह पर टचडाउन के लिए अपना दृष्टिकोण शुरू करने के लिए 12,000 मील प्रति घंटे (19,000 किमी प्रति घंटे) पर मंगल ग्रह के वातावरण में प्रवेश करने से पहले 472 मिलियन किमी से अधिक की दूरी तय की।