1965 युद्ध के हीरो एयर फोर्स मार्शल अर्जन सिंह का निधन, भारतीय सेना के एक मात्र ऑफिसर जिनके पास थी 5 स्टार रैंक
सन 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के समय जब रक्षा मंत्री वाईबी चव्हाण ने उनसे पूछा कि पाकिस्तान पर हमला करने के लिए आपको कितना वक्त चाहिए तो अर्जन सिंह ने जवाब दिया था, सिर्फ एक घंटा, मगर केवल 26 मिनट बाद ही हमारे लड़ाकू विमान पाकिस्तान की तरफ उड़ान भर चुके थे। बता दे की उस लड़ाई में अर्जन सिंह को एक बात का मलाल रह गया की वो युद्ध इतनी जल्दी क्यू खत्म हो गया। एक इंटरव्यू के दौरान अर्जन सिंह ने पायलट बनने से लेकर फाइव स्टार रैंक तक पहुंचने की पूरी कहानी बताई थी, जिसमे उन्होने यह भी बताया की भारतीय वायु सेना में जब वो पायलट की ट्रेनिंग ले रहे थे उसी दौरान दूसरा विश्व युद्ध छिड़ा और उन्हें जंग के मैदान पर भेज दिया गया था और वो दूसरे विश्व युद्ध से लेकर अपने आखिरी युद्ध तक अजेय रहे।
शनिवार 16 सितम्बर को भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह को दिल का दौरा निधन से निधन हो गया है। बताया जा रहा था की दिल के दौरे की आशंका के बाद उन्हे सेना के अस्पताल में गंभीर हालत में भर्ती कराया गया, जहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह के निधन पर शोक प्रकट करते हुए उनके साथ अपनी कुछ तस्वीरों को ट्वीट किया, ‘भारत IAF के मार्शल अर्जन सिंह के निधन पर दुखी है, हम देश के प्रति उनकी उत्कृष्ट सेवा को याद करेंगे’।
भारतीय वायु सेना के एयर फोर्स मार्शल अर्जन सिंह हमेशा एक युद्ध नायक के रूप में याद किए जाएंगे, जिन्होंने 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी। वह वायु सेना के एकमात्र अधिकारी हैं जिन्होंने मार्शल की सर्वोच्च रैंक हासिल की, बता दें कि वायु सेना में मार्शल रैंक भारतीय सेना में फील्ड मार्शल रैंक के समकक्ष होता है। आपको बताना चाहेंगे की कई दशकों के अपने सैन्य जीवन में उन्होंने 60 तरह के विमान उड़ाए, जिनमें विश्व युद्ध से पहले के तथा बाद में समसामयिक विमानों के साथ-साथ परिवहन विमान भी शामिल हैं।