सावन माह में ही क्यों की जाती हैं भगवान शिव की पूजा, जानें इसका रहस्य
सावन का महीना शुरू होने वाला हैं, सावन माह शुरू होते ही मंदिरों में बम-भोले, जय शिव शंकर के जयकारे लगने लगते हैं। हर जगह भक्तिमय माहौल बना होता हैं और हर कोई शिव भक्ति में ही रमा हुआ दिखाई देता हैं, सावन के महीने में ही शिवभक्त हरिद्वार और नीलकंठ से कांवर में जल भर कर लाते हैं और भगवान शिव पर अर्पण कर देते हैं।
सावन के महीने में जो भक्त भगवान शिव की सच्चे मन से पूजा करता हैं तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं पर ऐसा क्या हैं कि भगवान शिव को सावन का महीना पसंद हैं, दरअसल इसके पीछे की कथा पौराणिक समय से जुड़ी हुई हैं, आज के इस लेख में हम आपको यह बताएंगे कि क्यो भगवान शिव को सावन का महीना अति प्रिय हैं।
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सावन का महीना भगवान शिव के लिए क्यों है खास
पौराणिक कथाओं के अनुसार माता सती ने शिव शंकर को हर जन्म में सच्चे दिल से अपना वर मान लिया था, पर माता के पिता राजा दक्ष शिव शंकर को बिल्कुल पसंद नहीं करती थे। माता सती ने अपने घर में ही अपनी योगशक्ति से प्राणों का त्याग कर दिया था, तत्पश्चात माता सती ने अगला जन्म हिमालय राज के घर पार्वती के रूप में लिया। इसके बाद उन्होंने भगवान भोलेनाथ को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी और वो तपस्या उन्होंने सावन के महीने में ही करी थी, माता पार्वती की तपस्या से कैलाशपति बहुत प्रसन्न हुए और उनसे विवाह कर लिया।
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बहुत महत्व हैं सावन के महीने का
पौराणिक कथाओं के अनुसार जब समुद्र मंथन हुआ था तो वो सावन के महीने में हुआ था और मंथन से निकले विष को भोलेनाथ ने पी लिया था और पूरी सृष्टि को बचा लिया था। इसके अलावा ऐसा भी कहा जाता हैं भगवान शिव पहली बार अपनी ससुराल सावन के महीने में ही आए थे जब से हर साल सावन के महीने में शिव शंकर धरती पर अपनी ससुराल अवश्य आते हैं। इसके अलावा ऋषि मरकण्डु के पुत्र मार्कण्डेय ने सावन के महीने में ही बहुत कठोर तपस्या करके शिवजी से वरदान प्राप्त किया था।
सावन के महीने में हैं व्रत और पूजा का महत्व
सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा के अलावा बहुत से व्रत और पूजा भी की जाती हैं, शिव शंकर के भक्त सावन के सभी सोमवार का व्रत रखते हैं और मंदिर में बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा करते हैं। सावन के महीने में मंगला गौरी और कोकिला व्रत भी रखा जाता हैं ये व्रत सुहागन महिलाओं के द्वारा किया जाता हैं और इन व्रतों को करने से मां पार्वती का आशीर्वाद मिलता हैं।
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