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आखिर कौन से ग्रह हैं इस हाहाकार के लिए जिम्मेदार, कब तक होगा कोरोना का अंत

आखिर कौन से ग्रह हैं इस हाहाकार के लिए जिम्मेदार, कब तक होगा कोरोना का अंत

चीन के एक प्रांत वुहान से शुरू हुआ कोरोना वायरस इस समय समूचे विश्व मे एक भयंकर महामारी का रूप ले चुका हैं दुनिया का लगभग हर देश इस बीमारी की चपेट में हैं। अथर्वेद में भी ऐसी ही किसी बीमारी के बारें में लिखा हैं, अथर्वेद के अनुसार कलयुग में ऐसी एक बीमारी आएगी जो शक्तिशाली देशों को अपनी चपेट में ले लेगी और लोग बड़ी आसानी से मरने लगेंगे, ये बीमारी उन जगह पर बार-बार होगी जहां या तो अधिक वर्षा होती हैं या ज्यादा पानी होता हैं। कोरोना बीमारी में भी कुछ ऐसा ही हो रहा हैं कि जो देश सबसे ज्यादा ताकतवर हैं और विकसित हैं वहां इस बिमारी ने ज्यादा ही तांडव मचाया हैं।

पहले भी मची हैं तबाही

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कोरोना बीमारी होने की मुख्य वजह ग्रहों की वर्तमान स्थिति हैं इस समय शनि ग्रह अपनी राशि मकर में हैं और ऐसे होने से पहके भी कई महामारियां आ चुकी हैं। हिस्ट्री ऑफ डेथ किताब के अनुसार 1312 में भी शनि ग्रह मकर राशि में था तब भी फ्लैग वायरस नामक बीमारी से महज कुछ ही दिनों में लाखों की संख्या में लोगो की मौत हो गई थीं। 1667 में भी जब शनि देव ने मकर राशि में प्रवेश किया था तो एक ही दिन में लाखों लोग मर गए थे, इतिहास में ये घटना फ्लैग ऑफ लंदन के नाम से मशहूर हैं। 10 फरवरी 1902 में अमेरिका के लॉस एंजल्स में एक ही दिन में लाखों लोग प्रलय की चपेट में आ गए थे।

आखिर कौन से ग्रह हैं इस हाहाकार के लिए जिम्मेदार, कब तक होगा कोरोना का अंत

आपको याद होगा कि कुछ वर्षों पहले गुजरात के सूरत में भी एक महामारी फैली थी जिसने लाखो लोगो को संक्रमित कर दिया था तब भी शनि ग्रह मकर राशि मे गोचर कर रहें थे। पिछले वर्ष 26 दिसंबर 2019 को हुआ सूर्य ग्रहण बहुत ही ज्यादा नकारात्मक प्रभाव डालने वाला था, उस ग्रहण के दिन छह ग्रह जिनमें बुध, शनि, सूर्य, वृहस्पति, केतु और चंद्रमा एक साथ थे इसलिए वो षटकोण ग्रहण बना था और उसने पूरी दुनिया पर बहुत ज्यादा नकारात्मक प्रभाव डाला था।

गुरु चांडाल योग

आखिर कौन से ग्रह हैं इस हाहाकार के लिए जिम्मेदार, कब तक होगा कोरोना का अंत

राहु और केतु दोनों ग्रहों को संक्रमण लाने वाला ग्रह माना जाता हैं राहु हमेशा बीमारियां ही लाता हैं पर राहु से होने वाली बीमारियों का इलाज बड़ी आसानी से मिल जाता हैं पर राहु के साथ केतु भी आ जाता हैं तो वो भयंकर महामारी का रूप ले लेता हैं ऐसी महामारियों का इलाज बिल्कुल असंभव हो जाता हैं और महज कुछ ही दिनों में ऐसी बीमारी लाखों लोगों को संक्रमित कर देती हैं। जब गुरु और राहु की युति बनी तो वो गुरु चांडाल युग बना तो उसी दौरान 17 नवम्बर 2019 को चीन के वुहान में कोरोना का पहला मरीज सामने आया और उसके बाद तो ये पूरे विश्व में फैल चुकी हैं।

कब कम हो सकता हैं प्रभाव

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 29 मार्च को बृहस्पति ग्रह ने मकर राशि में प्रवेश किया हैं और इस वजह से बृहस्पति और राहु के योग का असर कम हो गया हैं। बृहस्पति के राशि गोचर की वजह से अब धीरे-धीरे कोरोना का असर कम होने लग जाएगा।

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