जब इंसान की बेवकूफी के कारण कछुए के शरीर में 19 साल तक फंंसा रहा रिंग
दुनिया का विकास तेज़ी से हो रहा है, विकास के लिए इंसान नई-नई चीजो का आविष्कार अपना जीवन आसान बनाने के लिए करता जा रहा है। इन नए अविष्कारों के कारण मानवता का विकास तो हो ही रहा है लेकिन दुनिया में तेज़ी से प्रदुषण भी बढ़ता जा रहा है। इस बढ़ते प्रदुषण से प्रकृति को नुक्सान हो ही रहा है लेकिन इससे जानवर भी अछूते नहीं हैं। इंसान की गलती के कारण बढ़ता हुआ प्रदुषण उनके लिए समस्या बनता जा रहा है। इसी के कारण जानवरों की कितनी प्रजातियां भी दुनिया से विलुप्त होती जा रही हैं। लेकिन अब इसे रोक पाना शायद ही किसी के बस की बात है। बढ़ते प्रदुषण के कई सारे कारण हैं जिसमे से प्लास्टिक का बढ़ता उपयोग बहुत बड़ी समस्या है।
प्लास्टिक की मांग उसके आविष्कार के बाद से आजतक बढ़ती ही रही है जिसकी वजह से इसका उत्पादन लगातार हो रहा है। कई देशो की सरकारें इसके रोकथाम एक लिए निरंतर प्रयास कर रही हैं। भारत भी में इसके लिए अनेंको कदम उठाये जा चुके हैं। लेकिन लोगों शायद इसका नुक्सान समझने में बहुत समय लगेगा। आपको बता दें प्लास्टिक एक ऐसा पदार्थ है जो न तो सड़ती है और न ही गलती है ये सालों तक जैसी की तैसी ही बनी रहती है। इससे छुटकारा पाने का अभी तक कोई भी रास्ता अभी तक खोजा नहीं गया है।
आजकल आप चाहे एक अपनी की बोतल खरीदें या फिर खाने का कोई सामान आपको वह प्लास्टिक की बोतल या प्लॉस्टिक की पॉलिथीन में ही मिलेगा। इस बढ़ते हुए प्लास्टिक के उपयोग से जानवरों के ऊपर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा है। जमीन पर तो प्लास्टिक प्रदुषण का आतंक था ही लेकिन अब यह समुन्दर तक भी पहुँच चूका है। आपको याद होगा कि कुछ ही समय एक समुद्र के किनारे पर एक व्हेल मछली की लाश आकर लग गयी थी और जब उसे शोधकर्ताओं ने खोला तो उसमे से सैकड़ों टन प्लास्टिक निकला जिसको देख कर सभी हैरान रह गए थे। उसी तरह का एक और वाकया हाल ही में सामने आया है जिसमे एक कछुए को 19 सालों तक इंसानो की गलती की सजा उठानी पड़ी।
हाल में एक कछुए मिला जिसकी बॉडी में एक रिंग फँसी हुई थी। आपको बतादें इस कछुए की बॉडी में प्लास्टिक की बोतल की रबड़ रिंग फँसी हुई थी। जिस की दिया गया और कछुए की जान बचा ली गयी। लेकिन ज़रा सोचिये अगर हमारी अंगुली में टाइट अंगूठी भी फँस जाए तो बर्दास्त नहीं होता तो इस कछुऐ ने 19 साल तक ये कैसा सहा होगा।
पशुओं के डॉक्टरों के अनुसार इस कछुए की उम्र लगभग 19 वर्ष होगी और उन्होंने अनुमान लगाया कि जब कछुआ छोटा रहा होगा तब उसके शरीर में प्लास्टिक बोतल की रिंग फंस गयी होगी जिसे वह कभी निकाल नहीं पाया और काफी समेत बीत गया और कछुआ का शरीर रिंग की वजह से सही से विकसित नहीं हो पाया। सोचिये सिर्फ इंसानो की गलती के कारण एक जानवर को इतने सालों तक तकलीफ़ साहनी पड़ी इसलिए ज़रूरी है हम समय रहते ज़िम्मेदार बने और प्लास्टिक प्रदुषण न फैलाएं।