क्या है आर्टिकल 35A? जम्मू कश्मीर को कैसे करता है ये अलग
जम्मू में सोमवार की सुबह 6 बजे धारा 144 लागू कर दी गयी, घाटी में हजारों की संख्या में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती कर दी गई है| इसके साथ ही कई नेताओं को नजरबंद कर दिया गया हैं, राज्य में अर्थव्यवस्था ना फैले इसके लिए इंटरनेट और मोबाइल सेवाओं को भी बंद कर दिया गया हैं| इन सब के अलावा इन दिनों अनुच्छेद 35A काफी चर्चा में हैं, ऐसे में सवाल उठता हैं कि 35A की संवैधानिक स्थिति क्या है और यह अनुच्छेद भारतीय संविधान का हिस्सा हैं कि नहीं, इसे लेकर ‘वी द सिटिजंस’ ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका भी दायर की गयी हैं| ऐसे में आइए जानते हैं कि आखिर अनुच्छेद 35A हैं क्या हैं और जम्मू-कश्मीर में इसके हट जाने से क्या प्रभाव पड़ेगा|
क्या है अनुच्छेद 35A
अनुच्छेद 35A जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए स्थायी नागरिकता के नियन और अधिकार प्रदान करता हैं| इसके तहत 14 मई 1954 के पहले जो लोग जम्मू-कश्मीर में बस गए, वो ही यहाँ के स्थायी निवासी माने जाते हैं| इसके अलावा यहाँ की स्थायी निवासियों को ही जमीन खरीदने, बेचने, सरकारी रोजगार और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने का अधिकार हैं| अर्थात किसी अन्य राज्य के नागरिको को ये सभी अधिकार प्राप्त नहीं हैं| इतना ही नहीं अनुच्छेद 35A जम्मू-कश्मीर के महिलाओं के साथ भेदभाव करता हैं यानि की यहाँ की कोई महिला किसी अन्य राज्य के पुरुष से शादी कर लेती हैं तो उसके सारे अधिकार छिन जाते हैं जबकि यह कानून पुरुषों के संबंध में नहीं है|
संविधान में नहीं है अनुच्छेद 35A का जिक्र
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अनुच्छेद 35A का जिक्र संविधान में नहीं हैं| हालांकि संविधान में 35a का जिक्र जरूर हैं परंतु इस अनुच्छेद का संबंध सीधे तौर पर जम्मू एवं कश्मीर से नहीं हैं| दरअसल अनुच्छेद 35a को संविधान के मुख्य भाग में नहीं बल्कि परिशिष्ठ में शामिल किया गया हैं| संविधान में अनुच्छेद 35A को 14 मई 1954 को राष्ट्रपति के एक आदेश से शामिल किया गया था, उस समय राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद थे|
35A हटाने की मांग क्यों
आए दिन इस अनुच्छेद को हटाने की मांग की जाती हैं क्योंकि यह अनुच्छेद शरणार्थीयों को उनके अधिकार से वंचित करती हैं| इतना ही नहीं इस अनुच्छेद की वजह से ही भारत के अन्य नागरिकों के साथ भेदभाव किया जाता हैं| इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में दाखिल होते ही नागरिकों को मिले संविधान के सभी अधिकार समाप्त हो जाते हैं, जम्मू-कश्मीर की महिलाओं के साथ भी भेदभाव भी इस अनुच्छेद
के ही तहत किया जाता हैं|
इसके हट जाने से जम्मू-कश्मीर में क्या बदलाव आएगा
यदि अनुच्छेद 35A को हटा दिया जाता हैं तो जम्मू-कश्मीर के नागरिकों के अलावा राज्य के अन्य नागरिकों को भी जम्मू-कश्मीर में बसने का अधिकार मिल जाएगा, शरणार्थीयों को वहाँ की नागरिकता प्राप्त हो जाएगी और वो भी सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं| इसके साथ भी महिलाओं के साथ हो रहे भेदभाव भी दूर हो जाएंगे, उन्हें शादी के बाद भी को सभी अधिकार प्राप्त रहेंगे जो शादी से पहले थे|
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