मिलिए, कोरोना वायरस को हराने वाले पहले मरीज से, जानें कहां हो रहा था इनका इलाज
इस समय समूचा विश्व कोरोना वायरस की चपेट में हैं, इटली, ईरान, चीन, अमेरिका में तो यह बीमारी मौत का भयंकर तांडव मचा चुकी हैं इसके अलावा भारत में भी इस बीमारी के 100 से अधिक रोगी मिल चुके हैं। इसी वजह से भारत के अधिकांश राज्यों के स्कूल, कॉलेज, सिनेमाघर, मॉल, बाजार इत्यादि बन्द हो चुके हैं।
अगर इस बीमारी से लड़ने के बारें में बात की जाए तो भारत की तैयारी अन्य देशों के मुकाबले काफी बेहतर हैं और इसकी बानगी इटली से आये दिल्ली निवासी रोहित दत्ता हैं जो कोरोना वायरस से पीड़ित होने के बावजूद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज कराके बिल्कुल ठीक हो चुके हैं आइये उन्होंने इस बारें में क्या बताया।
इटली, हंगरी होते हुए भारत पहुंचे थे रोहित दत्ता
रोहित दत्ता ने बताया कि वो अपने काम के सिलसिले में इटली गए थे, वो इटली से हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट गए और उसके बाद विएना होते हुए 25 फरवरी की शाम को वो भारत पहुंचे थे। 25 फरवरी की शाम को ही उन्हें बुखार की शिकायत हुई जिसके बाद अगली सुबह उन्होंने डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने उन्हें दो दिन की दवाई दे दी और उस समय उन्हें कोई तेज बुखार नहीं था। 28 फरवरी को शाम को उन्हें फिर बुखार हो गया तो वो डॉक्टर के पास दुबारा गए और उनसे कोरोना की जांच के लिए कहा, तब डॉक्टर ने उन्हें राम मनोहर लोहिया अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।
सफदरजंग में इलाज
राम मनोहर लोहिया अस्पताल में उन्हें 29 फरवरी को दाखिल कर लिया गया और उनकी कोरोना वायरस की जांच की गई जिसमें 1 मार्च को उनमें कोरोना की पुष्टि हो गयी और 2 मार्च को उन्हें सफदरजंग अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड (Isolation Ward) में स्थान्तरित कर दिया गया। सफदरजंग अस्पताल में उन्हें 4-5 दिन आइसोलेशन वार्ड में रखा गया, वह उन्हें किसी से मिलने की मनाही थी पर उन्हें वहां सरकार द्वारा सारी सुविधाएं प्रदान की गई। रोहित दत्ता ने बताया कि सफदरजंग अस्पताल में डॉक्टर, नर्स, इलाज, स्टाफ और सब सुविधा उच्च-स्तरीय थी।
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प्रधानमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री का अहम योगदान
रोहित दत्ता ने भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन की भी तारीफ करी, उन्होंने बताया कि कोरोना पीड़ित के इलाज के लिए भारत सरकार खासकर स्वास्थ्य मंत्री के द्वारा बेहतरीन इंतज़ाम किये गए हैं, खुद स्वास्थ्य मंत्री उनसे वीडियो कॉल पर बात करके उनकी सेहत के बारे में उनसे जानते थे, इसके अलावा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भी इस मामलें में पूरी निगरानी रखे हुए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को भी ऐसी कोई दिक्कत हैं तो उसे तुरंत चिकित्सय सहायता लेनी चाहिए और इससे डरने की कोई आवश्यकता नहीं हैं, साथ ही उन्होंने कहा कि जितनी जल्द बीमारी पकड़ में आएगी उतना जल्द ही इसका इलाज होगा।