जानिए क्या होते हैं पोस्टल बैलेट पेपर, चुनावी मतगणना में क्यों सबसे पहले होती है इनकी गिनती
आज लोकसभा चुनावों में मतगड़ना का का दिन है। सात-चरणीय लोकसभा चुनावों के लिए भयंकर चुनावी अभियान के बाद, जिसमें 5 हफ्तों में 542 सीटों के लिए 8,000 से अधिक उम्मीदवारों ने लड़ाई लड़ी है, आखिरकार उन सबके लिए मतगणना का दिन आ गया है। मतगणना आज संपन्न होगी और यह पता चल जायेगा कि किसकी सरकार बनेगी। इस बार भारत के 90.99 करोड़ से अधिकवोटरों में से 67 प्रतिशत ने इन चुनावों में अपना वोट डाला था, जो कि आजादी के बाद के किसी भी संसदीय चुनाव में सबसे अधिक संख्या में हुआ। हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक मतगणना केंद्रों की सही संख्या का खुलासा नहीं किया है, लेकिन लगभग 4,000 केंद्रों पर देश भर में आज मतगड़ना होगी। फिलहाल वोटों की गिनती सुबह शुरू होगी, जिसकी शुरुआत पोस्टल बैलेट पेपर से होगी।
इसके अलावा आपको बताते चलें की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से वोटों की गिनती की प्रक्रिया इसके 30 मिनट बाद शुरू होगी। प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के लिए पोस्टल बैलेट की गिनती विधानसभा क्षेत्र के एक काउंटिंग हॉल में की जाएगी। पोस्टल बैले की पहले गड़ना करें के पीछे कारण यह है कि पोस्टल बैलेट की संख्या कम होती है और ये कागज़ पर दिए गए वोट होते हैं और इन्हें गिना जाना भी आसान होता है।
क्या होते हैं पोस्टल बैलेट पेपर
कुछ मामलों में, जब कोई पंजीकृत मतदाता अपना वोट डालने के लिए मतदान केंद्र पर नहीं जा पाता है तो वह पोस्टल बैलट विकल्प का प्रयोग कर अपना वोट दे सकता है। यह विकल्प सशस्त्र बलों, केंद्रीय पुलिस बल के कर्मियों और राज्य पुलिस कर्मियों के कर्मियों के लिए उपलब्ध है, जो अपने निर्वाचन क्षेत्रों के बाहर तैनात हैं, साथ ही राजनयिक और विदेशों में भारतीय दूतावासों में तैनात सहायक कर्मचारी भी हैं। इस वर्ष 18 लाख पंजीकृत सेवा मतदाताओं में से 16.49 लाख ने अपने-अपने रिटर्निंग अधिकारियों को 17 मई तक डाक मतपत्र भेजे थे।
कैसे होता है पोस्टल बैलेट पेपर के द्वारा चुनाव
सबसे पहले चुनाव आयोग चुनावी क्षेत्र में बैलेट पेपर से मतदान करने वालों की संख्या को निर्धारित कर लेता है. जिसके बाद खाली बैलेट पेपर को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मेल करके वोटर तक पहुंचाया जाता है। इसे Electronically Transmitted Postal Ballot System (ETPBS) कहा जाता है। अगर वोटर ऐसी जगह पर तैनात है जहां इलेक्ट्रॉनिक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है तो वहां डाक सेवा से मतपत्र भेजा जाता है। अगर किसी कारण वोटर इसका प्रयोग नहीं कर पाता तो मतपत्र लौट आता है।