इस सावन बदलेगा जलाभिषेक का तरीका, काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में नहीं जा सकेंगे भक्त
काशी, मोक्ष की नगरी के रूप में जानी जाती है और भगवान भोलेनाथ की कृपा से काशी के वासी किसी भी तरह की आपदा आदि से सुरीक्षित रहते है और यही वजह है की इस नगरी में लोग ना सिर्फ देश के कोने कोने से बल्कि विश्व भर से भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं। बाबा विश्वनाथ के दर्शन का महत्व सावन के महीने में और भी ज्यादा बढ़ जाती है, इस दौरान हर कोई लंबी लंबी लाइन लगा कर भोलेनाथ का जलाभिषेक करता है। मगर जैसा की बताया जा रहा है इस सावन बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह में किसी भक्त को प्रवेश नहीं मिलेगा। सिर्फ झांकी दर्शन ही होगा। कोई भी भक्त शिवलिंग पर जल नहीं चढा पाएगा। इसके लिए मंदिर प्रशासन ने कुछ खास इंतजाम किया है।
सावन के सोमवार को नहीं बद होगा काशी विश्वनाथ मंदिर का पट
मंदिर प्रशासन ने सावन में काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन-पूजन की तैयारी लगभग पूरी कर ली है। इसके तहत सावन के सोमवार को अब मंदिर का पट बंद नहीं होगा। ठीक उसी तरह जैसे इस बार महाशिवरात्रि से पहले हुआ था। तब यह कहा गया था कि बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन की परंपरा ही टूट गई। वैसे परंपरागत रूप से साल में महाशिवरात्रि ही ऐसा पर्व होता है जब बाबा का दरबार 24 घंटे खुला रहता है। लेकिन अब सावन के सोमवार को भी ऐसा ही होने जा रहा है।
24 घंटे होंगे दर्शन
बताया जा रहा है कि ऐसा सावन के सोमवार को आने वाली भक्तों की भीड़ के मद्देनजर किया जा रहा है। मंदिर प्रशासन का कहना है कि सावन माह और शिवरात्रि पर बाबा विश्वनाथ के दर्शन पूजन के लिए देश भर से लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक करने पहुंचते हैं। ऐसे में चार प्रवेश द्वारों से बाबा का दर्शन कराने के बाद भी कुल दो से ढाई लाख भक्त ही जल चढ़ा पाते हैं। उनका कहना है कि रात्रि के समय शयन आरती के बाद पट बंद कर दिया जाता है, जिससे घंटों लाइन में लगने के बाद भी श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक नहीं कर पाते। इस समस्या को देखते हुए मंदिर प्रशासन ने सावन में सोमवार की भीड़ को देखते हुए 24 घंटे मंदिर के पट खोलने का निर्णय लिया है।
काशी विश्वनाथ मंदिर गर्भगृह के बाहर से चढाया जाएगा जल
गर्भगृह में गए बिना ही सभी भक्त बाबा को जल चढा सकें इसकी खातिर मंदिर प्रशासन ने खास इंतजाम किया है। इसके तहत श्रद्धालु मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश नहीं करेंगे, बल्कि दरवाजे के बाहर बने पात्र में ही जल डालेंगे जो गर्भगृह के भीतर सीधे शिवलिंग पर गिरेगा। मंदिर प्रशासन का आंकड़ा है कि इस व्यवस्था से एक दिन में पांच लाख भक्त आसानी से दर्शन कर सकेंगे।
होगा केवल झांकी दर्शन
काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन के अनुसार इस बार मंदिर में झांकी दर्शन कराने के लिए पूरा रूटमैप तैयार किया गया है। साथ ही इस बार खोले गए पांचवें प्रवेश द्वार से भी भक्तों का प्रवेश होगा। शुक्रवार की देर शाम मंदिर और पुलिस प्रशासन के साथ हुई बैठक में ये निर्णय लिया गया।