जब काशी में सूरज होता है अस्त तो घाटों के नजारे होते हैं मस्त, सामने आई तस्वीरें
वाराणसी में प्रवासी भारतीय सम्मेलन के लिए पूरे शहर को सजाया जा रहा है। खासतौर से काशी के घाटों को रंगीन लाइटों की सहायता से सजाया गया है जो की रात के समय में काशी के घाटों के सौंदर्य को और भी ज्यादा निखारने का काम कर रहे हैं। वहां आने वाले सैलानी भी इसकी छवि को देर रात तक निहारते नजर आते हैं। बता दें कि वहां का प्रभु घाट , चेतसिंह घाट , महानिर्वाण घाट तथा शिवाला घाट लाइटों की वजह से काफी जगमगा रहा है।
काशी में प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आयोजन 21 जनवरी से 23 जनवरी तक होने वाले है तो इससे पहले ही वहां एक दर्जन से ज्यादा घाटों पर लाइटिंग की सुविधा उपलब्ध कर दी जाएगी। इसके साथ ही प्रमुख इमारतों से चकाचौंध करते हुए हैलोजेन या एलईडी बल्बों को हटाया जा रहा है, काशी के घाटों को चंद्रहार का कॉन्सेप्ट दे कर लाइटिंग से सजाने का काम जोरों शोर से हो रहा है।
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इन लाइटिंग की वजह से ही वहां के घाटों और ऐतिहासिक धरोहरों की बनावट तथा नक्काशी की शानदार कलात्मकता को रात में भी देख कर सैलानी मुग्ध हो जाएंगे। बता दें कि काशी के मान महल घाट पर कॉन्सेप्ट लाइटिंग पॉजिटिव प्रतिक्रिया के बाद से अब अहिल्याबाई , मणिकर्णिका , दशाश्वमेध ,राजेन्द्र प्रसाद , ललिता घाट के साथ ही राज घाट से अस्सी घाट तक सफेद तथा पीले रंग कि लाइट की जगह पर कॉन्सेप्ट लाइटिंग की व्यवस्था की जा रही है।
लाइट की व्यवस्था इसलिए कि जा रही है क्यूंकि इससे वहां के ऐतिहासिक भवनों तथा घाटों की नक्काशी और कलात्मकता की भव्यता देखते ही बनेगी तथा सैलानी इसकी भव्यता को रात के अंधेरे में भी आसानी से देख पाएंगे। पहले करीब दो साल तक घाटों पर पीले तथा सफेद रंग कि लाइटों से सजावट होती थी फिर बाद में वहां सफेद रंग की एलईडी ब्लब लगाई गई।
लेकिन इस तरह को लाइटिंग से केवल वहां को प्राचीन इमारतों तथा घाटों कि श्रृंखला ही दिखाई देती थी।इसी कारण से केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय घाटों को कॉन्सेप्ट लाइट की मदद से सजा रहे हैं ताकि सैलानियों को पूरी तरह से वहां के घाटों की झलक दिख सके।