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Holi 2020: इस बार बन रहा है त्रिपुष्कर महा संयोग, भूलकर भी न करें ये 4 काम

Holi 2020: इस बार बन रहा है त्रिपुष्कर महा संयोग, भूलकर भी न करें ये 4 काम

हाथों में पिचकारी, चेहरे पर रंग और छोटे-छोटे बच्चों की अठखेलियाँ, होली का हुड़दंग मचाती हुई हुरियारों की टोली, एक-दूसरे पर रंग उड़ाती हुई महिलाएं, चौक-चोराहों पर उड़ता फाग यह सब होली की ही पहचान है। होली का त्यौहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा पर मनाया जाता है। होली को होली, होलिका, फाल्गुन, कामोत्सव इत्यादि नामों से जाना जाता है। ब्रज की होली, वृंदावन की होली, बरसाने की होली, मथुरा की होली और काशी की होली तो विश्व प्रसिद्ध है।

होलिका दहन

वैसे तो हम सब जानते है कि होलिका दहन को होली से एक दिन पहले करा जाता है। यह उस समय की बात है जब माँ पार्वती महादेव से विवाह करना चाह रही थी लेकिन महादेव उस समय तपस्या में लीन थे। यह देख कर कामदेव ने माँ पार्वती की मदद करने के लिए प्रेम बाण चला दिया जिससे शिवजी की तपस्या भंग हो गई और उन्होंने क्रोध में कामदेव को भस्म कर दिया। इसके बाद महादेव ने माँ पार्वती को देखा और फिर दोनों का विवाह हो गया। इसी वजह से पुराने समय के होलिका की अग्नि में अपने वासनात्मक आकर्षण को प्रतीकात्मक रुप से जलाकर अपने सच्चे प्रेम का विजयघोष माना जाता है।

Holi 2020: इस बार बन रहा है त्रिपुष्कर महा संयोग, भूलकर भी न करें ये 4 काम

  • होलिका दहन के दिन भगवान शिव के शिवलिंग के समक्ष दीप जरूर प्रज्वलित करना चाहिए। इससे भक्तो पर भोलेनाथ की कृपा बनी रहती है
  • जो युवक या युवतियां कुंवारे है और उनकी शादी का योग नही बन पा रहा है तो वो यह उपाय कर सकतें है एक पान का पत्ता लीजिये और उस पर सुपारी और हल्दी की गांठ रखकर शिवलिंग पर चढ़ानी चाहिए। इसके बाद भगवान भोलेनाथ से अपनी मनोकामना कह दे। और फिर बिना पीछे पलटे वापस चले जाना चाहिए। यह उपाय 2 से 3 तीन दिन करना चाहिए। इससे विवाह के जल्द संयोग बनते है।

होलाष्टक

होली से पहले 8 दिनों को होलाष्टक कहा जाता है। इस बार होलाष्टक 3 मार्च से 9 मार्च तक है। होलाष्टक के समय कोई भी शुभ कार्य नही किया जाता है। क्योंकि इस दिनों में सभी ग्रह अपने रुद्र रूप में होते है।

  • होलाष्टक में कोई भी शुभ कार्य जैसेकि ग्रह-प्रवेश, मुंडन, नामकरण, विवाह इत्यादि नही करने चाहिए।
  • होलाष्टक के दौरान ना तो कर्ज लेना चाहिए और ना देना। इस दौरान दिया हुआ कर्ज कभी लौट कर नही आता है।
  • होलिका दहन के समय गेंहू या चने की बाली को होलिका की अग्नि में जलाया जाता है और फिर घर लेकर सभी सदस्यों को इसे प्रसाद के रूप में खाना चाहिए। इससे धन-धान्य में वृद्धि होती है।

होलिका दहन का मुहूर्त

Holi 2020: इस बार बन रहा है त्रिपुष्कर महा संयोग, भूलकर भी न करें ये 4 काम

होलिका दहन सूर्यास्त और मध्यरात्रि के बीच हो जाना चाहिए। इस वर्ष होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है शाम 6:26 से रात 8:52 तक।

होली के दिन क्या ना करें

1.देर तक ना सोए। अगर आप बीमार  या वृद्ध है तो सो सकते है अन्यथा देर तक नही सोना चाहिए।

2. किसी से झगड़ा या मन-मुटाव ना करें।

3. किसी पर भी गुस्सा ना करें।

4.सबका सम्मान करें और किसी का भी उपहास ना उड़ाए।

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