अब इस विशेष ट्रेन से मिनटों में तय हो जाएगी दिल्ली से मेरठ के बीच की दूरी, साथ ही मिलेगी फ्लाइट जैसी सुविधाएं
देश में जब से मोदी सरकार मुख्यधारा में आई है तब से लगातार हमारा देश हर क्षेत्र में तरक्की कर रहा है। एक्सप्रेस-वे से लेकर तमाम जरूरी चीज़ें सरकार पूरा करने और मुहैया करने की पुरजोर कोशिश कर रही है। अब यदि हम बात करें रीजनल रेपिड ट्रांसिट सिस्टम ( RRTS ) कॉरिडोर की तो आपको बता दें की इसके अंतर्गत दिल्ली और मेरठ के बीच ट्रेन की एक नई सुविधा शुरू हो सकती है जो यात्रियों को ट्रेन में ही हवाई यात्रा का अनुभव कराएगी।
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खैर आपकी जानकारी के लिए बता दें की दिल्ली से मेरठ के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए यह बहुत ही अच्छी खबर है। बता दें की सरकार बहुत जल्द ही रीजनल रेपिड ट्रांसिट सिस्टम ( RRTS ) कॉरिडोर के अंतर्गत दिल्ली से मेरठ के बीच ट्रेन की एक नई सुविधा शुरू हो सकती है। खास बात तो ये है की ये ट्रेन यात्रियों को बिल्कुल हवाई यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी और तो और आपका दिल्ली से मेरठ तक का सफर जो की कुल 82 किलोमीटर का है वो मात्र 60 सैकेंड में पूरी हो जाएगी।
RRTS के इस प्रोजेक्ट को यूपी सरकार की मंजूरी मिल चुकी है, फिलहाल इसके लिए दिल्ली सरकार के अप्रूवल का इंतज़ार हो रहा है। उम्मीद की जा रही है की ये प्रोजेक्ट 2024 तक पूरा हो सकता है। बताया जा रहा है की इस ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे की होगी। हालांकि शुरुवात के दौर में यह ट्रेन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी।
इसमें छह कोच होंगे। इसमें एक बिजनेस क्लास और एक कोच पूरी तरह से महिलाओं के लिए आरक्षित होगा। इसके बिजनेस क्लास में हवाई यात्रा की तरह सुविधाएं मिलेंगी। वहीं जनरल क्लास को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा, जिससे उसमें खड़े होने के लिए ज्यादा जगह मिल सके, हालांकि इस ट्रेन का किराया अभी तय नहीं हुआ है। बिजनेस क्लास में फ्री वाई फाई की सुविधा देने की भी तैयारी है। इसके अलावा बिजनेस क्लास के पैसेंजर को स्टेशन पर बिजनेस लाउंज की भी सुविधा दी जाएगी।
ट्रेन में यात्रियों को ये सुविधाएं
- बिजनेस क्लास में सिटिंग व्यवस्थान एरोप्लेन की तरह होगी।
- ट्रेन में शुरुआत में सिर्फ 6 कोच लगाई जाएगी।
- ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किमी प्रति घंटे होगी, हालांकि इसे शुरुआत में 100 किमी प्रति घंटे के आसपास रखा जाएगा।
- दिव्यांगजनों को ध्यान में रखते हुए ट्रेन और स्टेशन को उनके हिसाब से भी तैयार किया जाएगा।
- सभी कोच पूरी तरह से एयर कंडीशंड होंगे. ट्रेन के गेट एयरक्राफ्ट की तर्ज पर डिजाइन किए जाएंगे।