आज आमलकी एकादशी पर आंवले के रस से बनाए ये यंत्र, हर परेशानी हो जाएगी दूर
17 मार्च 2019 रविवार यानि आज फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी है। इसे रंगभरी और आमलकी एकादशी भी कहा जाता है। इस दिन पर आंवले के वृक्ष की विशेष पूजा की जाती है और इस दिन माता अन्नपूर्णा के दर्शन करने का विशेष महत्व है। ऐसी मान्यता है कि आंवले के वृक्ष की उत्पत्ति भगवान विष्णु से संबंधित है। हालांकि सभी लोग जानते हैं कि एकादशी का संबंध भगवान विष्णु से हैं| लेकिन रंगभरी या आमलकी एकादशी का संबंध काफी ज्यादा भगवान शिव से भी माना जाता हैं और इस एकादशी को बहुत ही खास एकादशी मानी जाती हैं| ऐसे में आज हम आपको एक उपाय बताने जा रहे हैं, जिसे आप इस दिन करके अपनी सभी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं|
उपाय
इस यंत्र को बनाने के लिए सबसे पहले आप आंवले का रस ले, आप इसे खरीद कर लाये या फिर खुद ही आंवले का रस बना ले| अब इसके अंदर चन्दन पावडर मिला दे, चन्दन का रस उतना ही मिलाएँ जितना की रस और चन्दन के मिलाने से कोई यंत्र बन सके| अब चन्दन की लकड़ी से ही एक सादे पन्ने पर यह यंत्र बनाए| लेकिन यह यंत्र बनाते समय आपको यह ध्यान रखना हैं कि पहली लाइन की तीनों अक्षर पूरे लिखने हैं और फिर दूसरी, तीसरी लाइन बनानी है|
बता दें कि पहली लाइन में आपको ‘ॐ, वं, जें, ह्रीं, ड्म और फिर दूसरी, तीसरी लाइन लिखें| आपको यह यंत्र सूर्योदय होने से पहले ही बनाना हैं| यदि आपको चन्दन की लकड़ी नहीं मिलती हैं तो आप जैसमीन की लकड़ी से ही लिखे| जब आप यह यंत्र बना ले तब आप इसे यंत्र को मोड़कर भगवान विष्णु को अर्पित कर दे| लेकिन एक बात का ध्यान रखे कि जब आप यह यंत्र बनाए तो उसे अच्छी तरह से सूखने दे वरना इस यंत्र को गीले में ही मोड़ देंगे तो आपका पेज फट जाएगा या फिर आपका लिखा हुआ यंत्र खराब हो जाएगा|
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बता दें कि इस यंत्र को बिना मोड़े भी भगवान विष्णु को अर्पित कर सकते हैं| इस यंत्र को भगवान को अर्पित करने के अगले दिन ही इस यंत्र को वापस ले और फिर इसे अपने पास ही रखे क्योंकि इस यंत्र को अपने पास रखने से लोग आपसे आकर्षित होंगे और आपका व्यापार बहुत अच्छे से चलेगा| इसके अलावा इस यंत्र को अपने पास रखने से आपका दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल सकता हैं|