सात संमदर पार से वाराणसी में आए ये खास मेहमान, लोगों में एक बार फिर से बढ़ा सेल्फी का क्रेज
वाराणसी में गंगा के घाट पर इन दिनों कुछ खास मेहमान देश के अलग अलग कोने से आए हुये हैं और कुछ तो सरहदों को भी पार कर के आए हैं। इन मेहमानों के आ जाने से गंगा मां की शोभा और भी बढ़ रही है। इनके लिए दो देशों की सीमायों के लड़ाई – झगड़े भी कोई मायने नहीं रखते। ये मेहमान हैं साइबेरियन बर्डस। ये प्रति वर्ष हजारों मिल का फासला तय कर के सर्दी की मौसम में वाराणसी आते हैं और इन्हे देखने के लिए पर्यटकों की लाइन लगी रहती है।
काशी में आए नए मेहमान, सेल्फी का बढ़ा क्रेज
वैसे तो वाराणसी में गंगा का घाट पर सालोभर विदेशी सैलानी आते रहते हैं, लेकिन अभी का को नजारा है वो देखते ही बन रहा है। नवंबर के महीने में हल्की ठंड पड़ने लगती है इसी समय साईबेरियन पक्षी हजारों मिलो की दूरी तय कर वाराणसी आते हैं। गंगा की धारा में आने वाले इन पक्षियों के झुंड को देखने के लिए गंगा का घाट आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
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कुछ जानकारों के मुताबिक ये बात सामने आई है कि नवम्बर से फरवरी तक जाड़े का मौसम रहता है और साइबेरिया में मौसम बदलने लगता है तथा ठंड कम हो जाती है। उसी ठंड को तलाशते हुए ये साइबेरियन पक्षी गंगा नदी के ऊपर ऊपर ही यूपी ,बिहार और कलकत्ता तक भी पहुंच जाते हैं और जैसे जैसे गर्मी बढ़ने लगती है ये पक्षी वैसे ही धिरे धिरे वापस लौट जाते हैं। काशी में इन्हे देखने के लिए इनदिनों काफी पर्यटक आए रहे हैं इससे गंगा में नाव चलाने वाले नाविक भी पर्यटक मिल जाने से बेहद खुश नज़र आ रहे हैं ।
इन दिनों साइबेरियन पक्षी की तीन प्रजातियों को गंगा में देखा जा रहा है। लोगों में सेल्फी के क्रेज तो पहले से था ही इन पक्षियों के आ जाने से सेल्फी का क्रेज और भी बढ़ा हुआ दिख रहा है। फोटोग्राफर दूर दूर से चलकर वाराणसी इन पक्षिओं की तस्वीर लेने के लिए आ रहे हैं। नाविक भी बेहद खुश हैं उनका कहना है कि पहले तो अधिकतर हमारी नावें खाली रहती थीं लेकिन इन पक्षियों की वजह से सुबह से लेकर शाम तक नावें भरी रहती हैं।