KargilVijayDiwas : जब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री से कराई दिलीप कुमार की बात
बता दें कि 26 जुलाई को कारगिल युद्ध में भारत की जीत के 19 साल पूरे हो जायेंगे इस घटना से जुडा एक बहुत ही दिलचस्प वाक्या आपको बताते हैं। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद कसूरी ने अपनी नई किताब ‘नीदर ए हॉक नॉर ए डव’ में नवाज शरीफ के पूर्व मुख्य सचिव सईद मेहंदी के हवाले से यह दावा किया है कि मई 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से फोन पर बात की थी। वाजपेयी ने उस दौरान नवाज शरीफ की बात बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार से भी करवाई थी।
कसूरी की किताब के अनुसार बातचीत के दौरान वाजपेयी ने कहा कि हम तो लाहौर दोस्ती का पैगाम लेकर आए थे लेकिन आपने बदले में हमें कारगिल जंग दे दी। इस पर शरीफ ने कहा कि उन्हें ऐसी कोई जानकारी नहीं है और वो इस बारे में अपने आर्मी जनरल परवेज़ मुशर्रफ से बात करने के बाद फोन करेंगे। इसके बाद वाजपेयी ने कहा कि रुकिये जरा, एक साहब से आपकी बात करवानी है।
दिलीप कुमार ने कारगिल युद्ध के दौरान शरीफ से की बात
कसूरी की किताब के अनुसार दिलीप कुमार ने नवाज शरीफ से कहा, “मियां साहब हम आपकी तरफ से ऐसी उम्मीद नहीं करते थे, क्योंकि आपने हमेशा कहा है कि आप भारत और पाकिस्तान के बीच शांति चाहते हैं। एक बात मैं आपको बताना चाहूंगा कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव होता है तो भारतीय मुस्लिम अपने आप को बेहद असुरक्षित महसूस करते हैं और अपने घर से निकलने में भी डरते हैं। इसलिए आप इसे रोकने के लिए कुछ कीजिए।”
कसूरी के अनुसार दिलीप कुमार ने बेहद उचित बात कही थी क्योंकि जब उनके जैसा नामी शख्स भी दोनों देशों के मध्य हो रहे युद्ध के दौरान एक मुस्लिम होने के नाते असुरक्षित महसूस करता है तो आम मुसलमानों की हालत क्या होगी। पूर्व विदेश मंत्री का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच दोस्ती का रिश्ता बनाना बिल्कुल मुमकिन है और यह दोनों ही देशों के अल्पसंख्यकों की स्थिति के लिए काफी सकारात्मक कदम होगा।
बता दें कि दिलीप कुमार का असली नाम यूसुफ खान था और वो पेशावर के रहने वाले थे। उन्हें पाकिस्तान के सबसे बड़े सिविलियन सम्मान ‘निशान-ए-इम्तियाज’ से सम्मानित किया गया था।