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अब बिज़नेस आइडिया देकर आप भी पा सकते हैं 1 करोड़ तक का लोन, जानें क्या है पूरी प्रक्रिया

अब बिज़नेस आइडिया देकर आप भी पा सकते हैं 1 करोड़ तक का लोन, जानें क्या है पूरी प्रक्रिया

1 नवम्बर, 2010 को TIFAC और SIDBI के सहयोग से लांच हुई “सृजन योजना” का उद्देश्य प्रौद्योगिकी नवीनीकरण परियोजना को सुगम बनान है जिसका सम्बन्ध MSMEs के नए उत्पादों के विकास, प्रदर्शन, व्यवसायीकरण एवं उन्नति करने से है। इस योजना के अंतर्गत SIDBI उन लोगों को, जिनके योजनाओं से MSMEs सेक्टर के व्यवसाय को प्रोत्साहन मिलेगा, 1 करोड़ तक का लोन देगा जिनके पास तकनीकी व्यवसाय से सम्बंधित आईडिया तो है लेकिन उनके पास व्यावसायिक सफलता प्राप्त करने हेतु पर्याप्त धन उपलब्ध नहीं है।

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क्या है ये सृजन योजना

भारत में वो तकनीकी परियोजनायें जो कि अप्रमाणित है और जिनके निवेश में बड़े जोखिम शामिल हैं, वो परियोजनाएं उचित संसाधन उपलब्ध न होने की वजह से लुप्त हो जाती हैं। इस कमी को पहचान कर TIFAC ने, जो कि DST के अंतर्गत एक स्वतंत्र संस्था है, MSMEs के नए उत्पादों के व्यवसायीकरण को बढ़ावा देने हेतु TIFAC ने SIDBI के साथ मिलकर सृजन योजना को लागू किया। ऐसी कोई भी भारतीय MSMEs(नयी अथवा स्थापित) जो किसी भी क्षेत्र से हो अपने लागत का 80% अथवा 1 करोड़ तक की वित्तीय सहायता इस योजना के अंतर्गत पा सकती है।

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इस योजना के फायदे

  • किसी भी व्यवासायीक परियोजना को शुरू करने में कई बाधाएं आती हैं।
  • फंड्स की व्यवस्था करना अपने आप में एक बहुत बड़ी बाधा है, सृजन योजना न केवल 1 करोड़ तक का लोन देती है बल्कि इस लोन पर 5% प्रति वर्ष की दर से ब्याज लेती है जो कि अन्य बैंकों के ब्याज दर से कहीं कम है।
  • इस योजना के तहत सभी स्वीकृत परियोजनाओं के लिए स्वीकृत राशी के 0.5% के साथ सेवा कर अग्रिम लागत के रूप में लागू नहीं होगा।
  • इस प्रकार की योजनायें देश में निश्चित रूप से तकनीकी उत्कृष्टता को बढ़ावा देने में मदद करेंगी। इस प्रकार की योजनायें सिर्फ पेपर पर नहीं होनी चाहिए बल्कि उनकी वजह से छोटी कम्पनियों को लाभ पहुंचना चाहिए। किसी भी निर्माण इकाई को बनाने में एक बहुत बड़ी अग्रिम लागत की आवश्यकता होती है। हम लागत-सार्थक एवं गुणवत्ता से परिपूर्ण उत्पादों का निर्माण करने में सक्षम हैं। हालांकि, अगर सही योजनायें सही जगह पर हो तो ये आयात बिल को कम करने में भारी मदद मिलेगी।

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