शनि अमावस्या पर दान-पुण्य करने से दूर हो जाता है पितृ दोष, पीड़ा से मुक्ति के लिए अपनाएं ये विधि
शनिवार यानि आज पौष मास के कृष्ण पक्ष अमावस्या है और शनैश्चरी अमावस्या भी कहते हैं| इस दिन दान-पुण्य करने से पितृ दोष दूर होते हैं, इतना ही नहीं केतु और शनि की पीड़ा से भी मुक्ति मिलती हैं| ज्योतिष शास्त्रियों के मुताबिक इस दिन मूल नक्षत्र भी पड़ रहा हैं, जिसके कारण यह तिथि काफी असरकारक साबित होगा और यदि इस दिन कोई उपाय किए जाये तो वह बहुत ही लाभदायक होगा क्योंकि मूल नक्षत्र के स्वामी केतु को माना जाता हैं| तो चलिये जानते हैं की शनि अमावस्या के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं ताकि आपके जीवन के सभी कष्ट और दोष आदि दूर हो जाएँ।
शनि अमावस्या का महत्व
दरअसल अमावस्या की तिथि राहू और केतु के प्रभाव के कारण मानी जाती हैं, ऐसे में यदि इस दिन केतु और शनि के शांति के लिए कच्चा अनाज दान किया जाता हैं| इसके अलावा पितृ दोष का निवारण भी होता हैं| सामान्य गृहस्थ वाले लोग पकी हुयी उड़द और पके चावल का दान करे, ऐसा करने से आपको लाभ अवश्य मिलेगा और इस दिन पितृ दोष का पूजन भी किया जाता हैं|
पितृ पूजन के लिए एक पत्तल पर जौ, चावल, काले तिल, खीर और नींबू को रख दे और फिर इसे पीपल के वृक्ष के नीचे दोपहर में रख देना है, ऐसा करने से आपके ऊपर से पितृ दोष समाप्त हो जाएगा| इसके अलावा आप शनिदेव के नाम का जाप भी कर सकते हैं और उनके 10 नाम कोणस्थ, पिंगल, बभ्रु, कृष्ण, रौद्रान्तक, यम, सौरि, शनैश्चर, मंद, पिप्पलाद हैं। इतना ही नहीं आप शनि मंत्र का जाप भी कर सकते हैं|
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इस विधि से करें मंत्र का जाप
- मंत्र का जाप करने के लिए शनिवार की सुबह स्नान और नित्य क्रिया कर ले| इसके बाद एक साफ स्थान पर शनिदेव की प्रतिमा या चित्र स्थापित कर ले|
- अब शनिदेव के सामने शुद्ध घी का दीपक जला ले और यह दीपक पूजा समाप्त होने तक जलते रहना चाहिए।
- पूजा में शनिदेव को नीले रंग के फूल अर्पित करें और इसके बाद रुद्राक्ष की माला से मंत्र का जाप करें।
- रुद्राक्ष की माला का कम से कम पांच जाप अवश्य करें। इस प्रकार शनिदेव की पूजा करने से आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी और आप सुखी पूर्वक अपना जीवन बिता सकेंगे|