सितंबर से दौड़ना शुरू कर सकती है “मेक इन इंडिया” सेमी-हाई स्पीड ट्रेन, जानें क्या है इसकी खासियत
भारतीय रेलवे अपनी पहली सेमी-हाई स्पीड ट्रेन के साथ शताब्दी एक्सप्रेस जैसी अपनी हाई स्पीड प्रीमियम ट्रेनों को प्रतिस्थापित करने के लिए तैयार है। सेमी-हाई स्पीड “ट्रेन 18” का साल 2018 के नाम पर ‘मेक इन इंडिया’ प्रोजेक्ट के तहत चेन्नई में स्थित ICF ( इंटीग्रल कोच फैक्ट्री ) में निर्माण किया जा रहा है। यह ट्रेन पूरी तरह से भारत में बनाई गई है। भारतीय रेलवे के अनुसार “ट्रेन 18” को इस साल जून में ट्रैक पर लाने की योजना थी। लेकिन किन्हीं कारणवश इसे सितम्बर तक आगे बढ़ा दिया गया था।
योजना के अनुसार शुरू में “ट्रेन 18” को सिर्फ अंतर-शहरीय यात्रा के इस्तेमाल में लाया जायेगा। यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ेगी। इसके लांच में हुए विलम्ब के बारे में जब ICF के जनरल मैनेजर सुधांशु मनी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ट्रेन के निर्माण में कोई देरी नहीं हुई है। बल्कि इसे हमनें किसी भी अन्य देशों की तुलना में इस तरह की ट्रेन बनाने में जितना समय लगता है उससे कम समय 16 महीने के रिकार्ड टाइम में तैयार किया है।
आईये डालते हैं एक नज़र “Train 18” में मिलने वाली सुविधाओं पर
एक रिपोर्ट के अनुसार “ट्रेन 18” के पहले सेट में एग्जीक्यूटिव और नॉन-एग्जीक्यूटिव दोनों को मिलाकर कुल 16 चेयर-कार कोच होंगे। प्रत्येक एग्जीक्यूटिव कोच में बैठने की अधिकतम क्षमता 56 यात्रियों की होगी, जबकि नॉन-एग्जीक्यूटिव कोच में बैठने की क्षमता 78 होगी। रिपोर्ट में यह भी बाताया गया है कि इसके कोच पूरी तरह से सील किए गए गैंगवे से जुड़े हुए होंगे। ताकि यात्रियों को एक कोच से दुसरे कोच में जाने में असुविधा न हो।
आपको बता दें कि “ट्रेन 18” को बनाने में ICF ने स्टेनलेस-स्टील का प्रयोग किया है जिससे ट्रेन हल्कि हो जाएगी और साथ ही ब्रेकिंग प्रणाली में भी सुधार किया गया है। इस ट्रेन में स्वचलित दरवाज़े, वाई-फाई कनेक्शन, लक्ज़री सीट, मनोरंजन के लिए हवाई जहाज की सीटों की ही तरह सीट के पीछे टेबलेट्स, जीरो डिस्चार्ज बायो-वैक्यूम शौचालय आदि सुविधायें मिलेंगे। कहने की आवश्यकता नहीं है कि यह ट्रेन पूरी तरह से वातानुकूलित होगी।