राम नवमी 2019: जानें, अष्टमी व नवमी पर कन्या पूजन का क्या है महत्व, शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के पर्व का समापन रामनवमी के साथ होता हैं| इस दिन कन्याओं के पूजन के बाद व्रत का पारण किया जाता हैं| दरअसल इस साल रामनवमी 13 और 14 अप्रैल दोनों दिन पड़ रहा हैं और ऐसी मान्यता हैं कि चैत्र नवरात्रि के नवमी के दिन ही भगवान राम का जन्म हुआ था| इसलिए इस दिन भगवान विष्णु के सातवे अवतार भगवान राम का जन्मदिन मनाया जाता हैं| चैत्र नवरात्रि के नवमी के दिन भगवान राम के साथ माता सीता, भाई लक्ष्मण और रामभक्त हनुमान की भी पूजा की जाती हैं| ऐसे में आज हम आपको रामनवमी की पूजा मुहूर्त के बारे में बताने जा रहे हैं क्योंकि रामनवमी के पूजा का विशेष महत्व हैं और यह शुभ मुहूर्त में किया जाएँ तो काफी फलदायक होता हैं|
राम नवमी, अष्टमी पूजा मुहूर्त
रामनवमी की तिथि 13 अप्रैल की सुबह 8 बजकर 19 मिनट से 14 अप्रैल की सुबह 6 बजकर 4 मिनट तक, भगवान राम का जन्म पुष्य नक्षत्र में हुआ था। बता दें कि 13 अप्रैल दिन शनिवार को सुबह दिन में 8 बजकर 16 मिनट तक अष्टमी तिथि होगी 13 अप्रैल दिन शनिवार को महानवमी का व्रत होगा क्योंकि 13 अप्रैल को सुबह ही 8 बजकर 16 बजे मिनट के बाद ही नवमी तिथि लग जाएगी|
कन्या पूजन
दरअसल नवरात्रि के अष्टमी और नवमी के दिन बहुत सारे लोग कन्या भोजन कराते हैं और माता रानी के भोग के लिए हलवा-पूरी, चने आदि का प्रसाद तैयार कर माता रानी को चढ़ाते हैं| बता दें कि कन्या-पूजन के लिए सबसे पहले नौ कन्याओं को बड़े ही आदर के साथ अपने घर बुलाएँ और शुद्ध पानी से उन सभी का पैर धोकर सभी को एक साथ बैठाएँ| अब उनका तिलक कर उनके हाथ में कलावा बांधकर उन्हें बड़े ही प्रेमपूर्वक भोजन कराएं| भोजन के बाद उन्हें उपहार स्वरूप कोई भी वस्तु देकर बड़े ही सम्मान के साथ विदा करे|
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ऐसी मान्यता हैं कि कन्याओं में देवी माँ का रूप होता हैं| इतना ही नहीं कन्याओं को लक्ष्मी का स्वरूप भी माना जाता हैं| इसलिए लोग चैत्र नवरात्रि में कन्याओं की पूजा करते हैं ताकि उन्हें देवी माँ का आशीर्वाद प्राप्त हो और उनके जीवन में चल रही सभी समस्याओं का अंत हो|