आइए जानें कौन हैं अयोध्या की वो राजकुमारी जो बनी कोरिया की महारानी
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन हैं। उनकी पत्नी का नाम है- किम जोंग-सूक, ये भारत आ रही है वो भी अकेले। इस बात का कॉन्फर्मेशन दक्षिण कोरिया के ही एक समाचार एजेंसी योनहाप के द्वारा हुई है। अयोध्या में दीपावली से पहले प्रत्येक वर्ष दीपोत्सव होता है और इस अवसर पर किम-जोंग-सूक चार दिन के भारत दौरे पर आ रही है। वे 4 नवंबर को दिल्ली जायगी फिर सोमवार के दिन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगी और फिर वे प्राचीन कोरियाई राज्य कारक के संस्थापक राजा किम सू-रो की पत्नी महारानी “हौ” के स्मारक पर भी जाने वाली है। सरयू नदि के पास ही महारानी “हौ” का स्मारक स्थित है।
कौन है महारानी ‘हौ’?
ऐसा कोरिया के इतिहास में है कि भारत के अयोध्या से 2000 साल पहले अयोध्या की राजकुमारी सुरीरत्ना नी हु ह्वांग ओक-अयुता को उनके पिता ने अपने भाई के साथ राजा किम-सू-रो से शादी करने के लिए किमहये नामक शहर में भेंज दिया।
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कारक वंश
आज के समय में कोरिया में कारक वंश के लगभग 60 लाख लोग अपने आप को अयोध्या की राजकुमारी के वंश का ही कहते है। कारक वंश के लोगो ने उन पत्थरों को संभाल कर रखा है जो अयोध्या की राजकुमारी अपनी समुन्द्र यात्रा के समय नाव को संतुलित रखने के लिए साथ लेकर आई थी। राजकुमारी की एक बड़ी प्रतिमा किमहये शहर में है।
कोरिया के मेहमान
अयोध्या के पूर्व राजपरिवार के सदस्य बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र अयोध्या आने वाले कारक वंशियो की मेहमाननवाजी करते रहते है। ये सन् 1999-2000 के बीच कोरिया में मेहमान रह चुके है।
अयोध्या से उम्मीदें
मिश्र के मुताबिक कोरियाई लोगो को अयोध्या से काफी उम्मीदे थी। लेकिन भारत के शासको को कुछ खास दिलचस्पी नहीं थी। इस कारण महारानी की याद में एक छोटा सा ही स्मारक बनवाया गया। उसके बाद कोरियाई लोग भी पीछे हट गए।